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बचपन से विस्थापन

चिन्मय मिश्र

प्रकाशक : विकास संवाद प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :106
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8902
आईएसबीएन :9788190830263

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विस्थापन को विभीषिका से कमतर नहीं आंका जा सकता...

Ek Break Ke Baad

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

विस्थापन को विभीषिका से कमतर नहीं आंका जा सकता। इस पुस्तक के माध्यम से विस्थापन का बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन का प्रयास किया गया है।

हमारा मानना है कि विकास की आधुनिक अवधारणा के केन्द्र से मनुष्य विलुप्त होता जा रहा है और आर्थिक लाभ स्थापित होता जा रहा है। ऐसे में बदल रही परिस्थितियों का अध्ययन-विश्लेषण करते रहना एक अनिवार्यता है।

इस अध्ययन हेतु जिन विकास योजनाओं को केन्द्र में रखा गया है वे हैं - टाइगर रिजर्व, इंदिरा सागर बांध, इंदौर से शहरी विस्थापन और पीथमपुर ऑटो टेस्टिंग ट्रेक।

इसमें यह प्रयत्न किया गया है कि संबंधित परियोजनाओं की पुनर्वास नीतियों के अन्तर्गत प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में विस्थापित बच्चों की स्थितियों का आकलन किया जाय।

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