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वैदिक युग एवं रामायण काल की ऐतिहासिकता

सरोज बाला, अशोक भटनागर, कुलभूषण मिश्र

प्रकाशक : आई-सर्व प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :74
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8924
आईएसबीएन :9789381391044

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रामायण काल की ऐतिहासिकता के वैज्ञानिक प्रमाण, समुद्र की गहराइयों से आकाश की ऊँचाइयों तक

Ek Break Ke Baad

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

विश्व का अब तक का इतिहास, विशेष रूप से भारतीय उप-महाद्वीप का, अधिकतर भाषाई अनुमानों, धार्मिक आस्थाओं अथवा जन श्रुतियों पर आधारित रहा है। विगत 30-40 वर्षों में ऐसी कई नयी वैज्ञानिक विधाओं तथा उपकरणों का विकास हुआ है जिनसे प्राचीन घटनाओं की तिथियों का वैज्ञानिक रीति से सही-सही निर्धारण किया जा सकता है। उदाहरणार्थ -

ग्रहीय सन्दर्भों की खगोलीय गणना हेतु प्लेनेटोरियम साफ्टवेयर,

उपग्रह आधारित सुदूर संवेदन की विधा,

पानी के नीचे उत्खनन एवं जियोस्पेशिअल विधियां,

रेडियो कार्बन डेटिंग, थर्मोल्युमिनिसैंस डेटिंग,

मानव जीनोम के अध्ययन, जैविक एवं सांस्कृतिक मानव-विज्ञान,

पुरावनस्पतियों, पुराजीवों एवं पुराजलवायु के अध्ययन,

भौगोलिक एवं भूगर्भीय शोध के साधन आदि।

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