अतिरिक्त >> हाफ गर्लफ्रेंड हाफ गर्लफ्रेंडचेतन भगत
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माधव नाम का एक बिहारी लड़का था। उसे रिया नाम की लड़की से प्यार हो गया। माधव ठीक से इंग्लिश नहीं बोल पाता था, रिया मज़े से बोल लेती थी। माधव उसके साथ रिलेशनशिप चाहता था, पर रिया ऐसा नहीं चाहती थी। रिया केवस फ्रेंडशिप चाहती थी, जबकि माधव ऐसा नहीं चाहता था। तब रिया ने एक रास्ता सुझाया। वह उसकी हाफ गर्लफ्रेंड बनने को तैयार हो गई...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
आभार और कुछ विचार
प्रिय पाठकों और मेरे दोस्तों, ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ को चुनने के लिए आपका शुक्रिया। मैंने अपनी ज़िंदगी में आज तक जो कुछ भी हासिल किया है, वह आपकी ही बदौलत है। यहां मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा, जो इस किताब को लिखने में मेरे लिए मददगार साबित हुए : शाइनी एंटनी, जो ‘फाइव पॉइंट समवन’ के वक्त से ही मेरी एडिटर और पहली पाठक रही हैं। उनकी प्रतिक्रियाएँ मेरे लिए बेशकीमती होती हैं। वे तमाम लोग, जिन्होंने इस किताब की परिकल्पना से लेकर रिसर्च और एडिटिंग तक अलग-अलग पड़ावों पर मेरी मदद की : अनुभा बंग, अभिषेक कपूर, अनुषा भगत, मसाबा गुप्ता, आयशा रावल, आभा बाकाया और अनुषा वेंकटाचलम।
मेरी टीम - भक्ति, मिशेल, तान्या और विरली।
मेरा परिवार - अनुषा, इशान, श्याम। मेरी माँ, रेखा। मेरे भाई और भाभी, केतन और पिया। मेरे इन-लॉज - सूरी, कल्पना, आनंद और पूनम।
मेरे दोस्त, जिनकी वजह से ज़िंदगी में मज़ा है।
ट्विटर और फेसबुक पर मेरी एक्सटेंडेड फैमिली।
रूपा पब्लिकेशंस इंडिया की समूची टीम।
वे तमाम लोग, जिनसे यह किताब लिखने के दौरान बिहार में मेरी मुलाकात हुई।
और फाइनली - बिल गेट्स। और इस बार केवल माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के लिए ही नहीं।
मैं आप लोगों से कुछ कहना चाहता हूँ। इस किताब के साथ मेरे लेखन के दस साल पूरे हो रहे हैं। जब मैंने लिखना शुरू किया, तब मेरा मकसद कुछ और था। मैं कुछ कर दिखाना चाहता था। मैं कुछ साबित करना चाहता था। लेकिन आज मेरे लिखने की वजहें बदल गई हैं। आज मैं बदलाव के लिए लिखता हूँ। भारतीय समाज की मानसिकता में बदलाव के लिए। यह बहुत बड़ा मकसद है और मैं इतना नासमझ नहीं, जो यह मान लूँ कि मैं अपना यह मकसद हासिल कर लूँगा। फिर भी, यदि ज़िंदगी में आपके इरादे नेक हैं और आपके सामने एक दिशा है, तो आपको मदद मिलती है। मुझे खुशी है कि मुझे अपनी दिशा मिल गई।
मैं किताबों, फिल्मों और मनोरंजन के दूसरे माध्यमों की मदद से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचना चाहता हूं। आखिर मैं भी इंसान हूँ। कभी मैं लड़खडाऊंगा। कभी मेरी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आएँगे। जहाँ तक संभव है, मुझे अपना समर्थन देते रहिए, ताकि मेरे पैर हमेशा धरती पर टिके रहें।
एक और बात, मुझे आपकी सराहना नहीं, आपका प्यार चाहिए। सराहना खत्म हो जाती है, लेकिन प्यार बना रहता है। फिर, सराहना के साथ कुछ अपेक्षाएँ भी आती हैं, जबकि प्यार हमारी कमज़ोरियों को भी कुबूल करने के लिए तैयार रहता है।
वास्तव में, कभी-कभी लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं किस तरह याद रखा जाना चाहूँगा। हालांकि मैं उम्मीद करता हूँ कि वह वक्त अभी दूर है, फिर भी मैं इतना ही कहूँगा कि-मैं नहीं चाहता मुझे याद रखा जाए, मैं बस इतना ही चाहता हूं कि लोग मुझे मिस करें।
‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में आपका स्वागत है !
मेरा परिवार - अनुषा, इशान, श्याम। मेरी माँ, रेखा। मेरे भाई और भाभी, केतन और पिया। मेरे इन-लॉज - सूरी, कल्पना, आनंद और पूनम।
मेरे दोस्त, जिनकी वजह से ज़िंदगी में मज़ा है।
ट्विटर और फेसबुक पर मेरी एक्सटेंडेड फैमिली।
रूपा पब्लिकेशंस इंडिया की समूची टीम।
वे तमाम लोग, जिनसे यह किताब लिखने के दौरान बिहार में मेरी मुलाकात हुई।
और फाइनली - बिल गेट्स। और इस बार केवल माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के लिए ही नहीं।
मैं आप लोगों से कुछ कहना चाहता हूँ। इस किताब के साथ मेरे लेखन के दस साल पूरे हो रहे हैं। जब मैंने लिखना शुरू किया, तब मेरा मकसद कुछ और था। मैं कुछ कर दिखाना चाहता था। मैं कुछ साबित करना चाहता था। लेकिन आज मेरे लिखने की वजहें बदल गई हैं। आज मैं बदलाव के लिए लिखता हूँ। भारतीय समाज की मानसिकता में बदलाव के लिए। यह बहुत बड़ा मकसद है और मैं इतना नासमझ नहीं, जो यह मान लूँ कि मैं अपना यह मकसद हासिल कर लूँगा। फिर भी, यदि ज़िंदगी में आपके इरादे नेक हैं और आपके सामने एक दिशा है, तो आपको मदद मिलती है। मुझे खुशी है कि मुझे अपनी दिशा मिल गई।
मैं किताबों, फिल्मों और मनोरंजन के दूसरे माध्यमों की मदद से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचना चाहता हूं। आखिर मैं भी इंसान हूँ। कभी मैं लड़खडाऊंगा। कभी मेरी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आएँगे। जहाँ तक संभव है, मुझे अपना समर्थन देते रहिए, ताकि मेरे पैर हमेशा धरती पर टिके रहें।
एक और बात, मुझे आपकी सराहना नहीं, आपका प्यार चाहिए। सराहना खत्म हो जाती है, लेकिन प्यार बना रहता है। फिर, सराहना के साथ कुछ अपेक्षाएँ भी आती हैं, जबकि प्यार हमारी कमज़ोरियों को भी कुबूल करने के लिए तैयार रहता है।
वास्तव में, कभी-कभी लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं किस तरह याद रखा जाना चाहूँगा। हालांकि मैं उम्मीद करता हूँ कि वह वक्त अभी दूर है, फिर भी मैं इतना ही कहूँगा कि-मैं नहीं चाहता मुझे याद रखा जाए, मैं बस इतना ही चाहता हूं कि लोग मुझे मिस करें।
‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में आपका स्वागत है !
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