अतिरिक्त >> बड़ी बेगम बड़ी बेगमआचार्य चतुरसेन
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बड़ी बेगम...
"ओह, मैं उसकी क्या परवाह करता हूँ?”
"परन्तु हमें अपनी जिम्मेदारी पर ध्यान देना चाहिए।”
"तो गवर्नर जनरल जैसा आदेश दें।"
"प्रश्न यह है कि अब तक अवश्य ही काश्मीर पर आक्रमण की सूचना मेरे मन्त्रियों को मिल चुकी होगी। कल सुबह ही इसपर जोरों की कार्यवाही होगी, आपकी भी बुलाहट होगी, तब आप क्या करेंगे?”
‘‘आप क्या परामर्श देते हैं?”
लियाकत अली ने बीच ही में कहा, "मैं अर्ज करूंगा, सर लाकहार्ट, सिर्फ पन्द्रह-बीस दिनों की बात है, फिर काश्मीर की घाटियाँ बर्फ से पट जायेंगी। आप नेहरू को यह पट्टी पढ़ाइये कि सर्दियों में लड़ना असम्भव है, सेना की रसद, कुमुक कुछ न मिलेगी और वह नष्ट हो जायेंगी। इस तरह डराकर उन्हें काश्मीर पर फीज भेजने से रोकिये।”
"नेहरू को पट्टी पढ़ा सकता हूँ, पर पटेल को नहीं।”
"वह बड़ा घाघ है परन्तु मार्शल, गवर्नर जनरल उसे ठीक कर लेंगे। आपने उन्हें खूब पालतू बना रखा है।”
लार्ड माउण्टबेटन ने अपना चमचमाता शराब का गिलास उठाकर कहा, "मैं हिन्द सरकार की लड़ने की अपेक्षा राष्ट्रसंघ में जाने की सलाह दूँगा।”
मि. लिकायत अली खुश हो गये। उन्होंने फुर्ती से उठकर लार्ड माउण्टबेटन से हाथ मिलाया और कहा, "पाकिस्तान आपका और सर लाकहार्ट का चिर कृतज्ञ रहेगा; पर मैं रुक नहीं सकता हूँ। अब मैं चला। प्लेन मेरी प्रतीक्षा कर रहा होगा।” और वे चल दिये।
काश्मीर पर पाकिस्तान के अयाचित आक्रमण की खबर से भारत सरकार चिन्तित हो उठी। उसने तत्काल अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और गोपनीय युद्ध-परामर्श समिति की बैठक गवर्नमेंट हाउस में बुलाई। गवर्नर जनरल लार्ड माउण्टबेटन प्रमुख पद पर आसीन थे। नेहरू अत्यन्त उत्तेजित थे और पटेल अत्यधिक गम्भीर। सर लाकहार्ट चुपचाप सिगरेट का धुआँ उड़ा रहे थे और जनरल बूचर उनकी बगल में चुपचाप अपने चमचमाते तमगे लटकाये रुआबदार ढंग से बैठे थे। मेजर जनरल
करिअप्पा, कैप्टन थिमैया, मेजर कुलवन्तसिंह और ब्रिगेडियर उस्मान चुपचाप अपनी कुर्सियों पर बैठे थे। सभीका ध्यान पण्डित जवाहरलाल नेहरू की उत्तेजित और अशान्त मुद्रा पर था। उन्होंने बातचीत प्रारम्भ की। उन्होंने कहा, "सर लाकहार्ट, क्या कारण है कि काश्मीर के इस हमले की सूचना हिन्द सरकार को 24 घण्टे देर से मिली ?”
"मैं इस सम्बन्ध में जाँच कर रहा हूँ, उसकी रिपोर्ट आपको मैं यथा-समय ढूंगा।”
"‘क्या आपने काश्मीर की रक्षा के लिए कोई प्रारम्भिक कार्यवाही की है?”
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