लोगों की राय

अतिरिक्त >> भारत विकास की दिशाएं

भारत विकास की दिशाएं

अमर्त्य सेन

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :212
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9079
आईएसबीएन :9788170283409

Like this Hindi book 2 पाठकों को प्रिय

364 पाठक हैं

भारत विकास की दिशाएं...

Bharat Vikas Ki Dishayen - A Hindi Book by Amartya Sen

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

आजादी के पचास वर्ष बाद भी भारत विकसित देशों की श्रेणी में नहीं आ सका है। उसी के समान प्राचीन और विशाल भूमि तथा जनसंख्या वाला देश चीन उसकी तुलना में कहीं आगे बढ़ता चला जा रहा है। पूर्वी एशिया के अन्य अनेक देश भी बहुत प्रगति कर चुके हैं। क्यों ? प्रो. सेन का मानना है कि भारत की तुलना में उन देशों में पहले से हुआ साक्षरता प्रसार, देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तथा स्त्री-शक्ति का सभी कार्यों में आगे बढ़-चढ़कर योगदान ही इसका प्रमुख कारण है। प्रस्तुत पुस्तक सामाजिक अवसरों को प्राथमिकता देनेवाले इन प्रमुख कारकों का तुलनात्मक आंकड़े देकर विवेचन करती है।

‘‘...आर्थिक सुधार के प्रमुख मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण’’

- हिन्दू

‘‘...यह पुस्तक इस विषय पर विचार प्रस्तुत करती है कि जनता की क्षमताएं बढ़ाना क्यों आवश्यक है।’’

- फिनेन्शियल एक्सप्रेस

‘‘भारत की उपलब्धियों तथा असफलताओं का प्रभावशाली विवरण... भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर बहस के लिए बिल्कुल नये मुद्दे प्रस्तुत करती है यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक’’

- टाइम्स हायर एजुकेशन सप्लीमेंट

‘‘राज्य तथा बाजार के पारस्परिक संबंध के विषय में यह पुस्तक बहुत महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करती है।’’

- इकॉनामिक टाइम्स

‘‘उपेक्षितों के लिए सहानुभूति तथा निष्पक्ष विश्लेषण...इस पुस्तक की विशेषता है। इस देश की अर्थनीति में रुचि रखनेवाले सभी व्यक्तियों के पढ़ने योग्य।’’

- आउटलुक

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book