कविता संग्रह >> स्पर्श के गुलमोहर स्पर्श के गुलमोहरसंगीता गुप्ता
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स्पर्श के गुलमोहर...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
स्पर्श के गुलमोहर अपने चित्रों एवं फिल्मो के लिए विख्यात संगीता गुप्ता के पास निश्चय ही असीम का वरदान है, वे चित्रकार होने के साथ-साथ कवि भी हैं ! कला, साहित्य एवं वृत्तचित्र जैसे बहुआयामी क्षेत्रो में उनकी सक्रियता इसी तथ्य को इंगित करती है! जीवन में उनकी गहरी आस्था है, विषमताओ से गुजरते हुए भी उनका स्वर सदा सकारात्मक ही रहा है ! उनका प्रेम व्यक्ति-विशेष तक सीमित नहीं, वह जीवन से जुड़े सब छोटे-बड़े तत्वों तक व्याप्त है ! इस संग्रह की कवितायें जीवनोमुखी है ! उल्लास व आनंद से भरी कवितायें उनकी जिजीविषा को उनके चित्रों की भांति मूर्त से अमूर्त की ओर ले जाती है ! ‘स्पर्श के गुलमोहर’ संगीता गुप्ता का छठा काव्य-संकलन है ! 1988 में प्रकाशित उनके पहले काव्य-संग्रह ‘अन्तस् से’ के बाद अब तक की उनकी रचनात्मक सक्रियता में उनके सरोकार निरंतर परिपक्व हुए है ! निश्चय ही यह कवि की रचना-यात्रा का एक अहम् पड़ाव है !
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