पर्यावरण एवं विज्ञान >> वनोदेय वनोदेयमारुति चितमपल्ली
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वनोदेय...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
वनोदेय वनसंपदा प्रकृति का अनोखा उपहार है ! वर्षा-पानी, कृषि, पशुपालन आदि अन्य अद्योग भी जंगलों के साथ अभिन्न रूप से जुड़े हैं ! प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कई प्रकार के लाभ जंगलों से हमें प्राप्त होते हैं ! भारतीय अध्यात्मिक जीवन-दर्शन एवं चिंतन के पवित्र तथा उदात्त केंद्र मने जाते हैं ये ! इन्हीं सब विशेषताओं के मद्देनजर अनादि काल से वनांचल बहुमूल्य धरोहर मने जाते रहे हैं! किन्तु विगत कुछेक दर्शकों से हमने इस धरोहर की रक्षा की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया और अभी भी हम इस ओर अनदेखी ही कर रहे हैं ! हम जंगलों की निरंतर नोच-खसोट और हत्या इतनी निर्ममता से कर रहे है कि इससे हमारी सहृदयता पर बड़े-बड़े प्रश्नचिन्ह लगते ही जा रहे हैं ! प्रकृति के प्रति यह कृतघ्नता अंततः समूची मानवता के विनाश का कारण बन सकती है ! दुनिया पर मंडरा रहे इन्हीं खतरों के बादलों की ओर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास इस पुस्तक के जरिए किया गया है !
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