व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> भगवान बुद्ध भगवान बुद्धसरश्री
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
मन और बुद्धि के पार - परम बोध यात्रा
सिद्धार्थ को जीवन में कुछ ऐसे संकेत मिले, जिन्होंने उन्हें खोजी बना दिया। उन्होंने राजसी जीवन को त्याग दिया और दुःख से मुक्ति की खोज में जुट गए। इस मार्ग पर उन्होंने अपने शरीर को बहुत कष्ट दिए। दोनों प्रकार की अति वाला जीवन जीने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि मध्यम मार्ग ही सर्वोत्तम मार्ग है। सिद्धार्थ ने मन और बुद्धि का सम्यक उपयोग किया और उनके पार गए, इसलिए उन्हें परम बोध प्राप्त हुआ और वे भगवान बुद्ध बने। यह पुस्तक आपको भगवान बुद्ध के जीवन का रहस्य बताएगी। इस यात्रा में आप जानेंगे :
• सिद्धार्थ कब और क्यों गौतम (खोजी) बने
• गौतम की बोध प्राप्ति की यात्रा कैसे सफल हुई
• बोध प्राप्ति का बाद भगवान बुद्ध की यात्राएँ कैसी थीं
• भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को कौन सी शिक्षाएँ प्रदान कीं
• भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को जीवित रखने के लिए सम्राट अशोक ने कैसे महत्वपूर्ण योगदान दिया
भगवान बुद्ध ने अपने सम्यक ज्ञान से लोगों की मनः स्थिति देखकर उपाय बताए। जिन लोगों ने उन्हें ध्यान से सुना, समझा, उन्होंने बुद्ध के बोध का पूर्ण लाभ उठाया लेकिन जिन लोगों ने बुद्ध के केवल शब्द सुने, वे अपनी मूर्खताओं में लगे रहे। यदि आपने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का असली अर्थ समझ लिया तो यह पुस्तक बोध प्राप्ति के लिए, यानि असली सत्य तक पहुँचने के लिए सरल मार्ग बन सकती है।
इस पुस्तक में भगवान बुद्ध के जीवन को तीन मुख्य किरदारों में पिरोया गया है। पहले किरदार हैं राजकुमार सिद्धार्थ, दूसरे किरदार हैं गौतम और तीसरे किरदार हैं भगवान बुद्ध। भगवान बुद्ध को गौतम बुद्ध भी कहा जाता है लेकिन कभी सिद्धार्थ गौतम नहीं कहा जाता। इन नामों के पीछे भी रहस्य है। इन तीन किरदारों की कहानियों को इस पुस्तक के ज़रिए एक नए और अलग नज़रिए से पढ़ें।
सिद्धार्थ को जीवन में कुछ ऐसे संकेत मिले, जिन्होंने उन्हें खोजी बना दिया। उन्होंने राजसी जीवन को त्याग दिया और दुःख से मुक्ति की खोज में जुट गए। इस मार्ग पर उन्होंने अपने शरीर को बहुत कष्ट दिए। दोनों प्रकार की अति वाला जीवन जीने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि मध्यम मार्ग ही सर्वोत्तम मार्ग है। सिद्धार्थ ने मन और बुद्धि का सम्यक उपयोग किया और उनके पार गए, इसलिए उन्हें परम बोध प्राप्त हुआ और वे भगवान बुद्ध बने। यह पुस्तक आपको भगवान बुद्ध के जीवन का रहस्य बताएगी। इस यात्रा में आप जानेंगे :
• सिद्धार्थ कब और क्यों गौतम (खोजी) बने
• गौतम की बोध प्राप्ति की यात्रा कैसे सफल हुई
• बोध प्राप्ति का बाद भगवान बुद्ध की यात्राएँ कैसी थीं
• भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को कौन सी शिक्षाएँ प्रदान कीं
• भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को जीवित रखने के लिए सम्राट अशोक ने कैसे महत्वपूर्ण योगदान दिया
भगवान बुद्ध ने अपने सम्यक ज्ञान से लोगों की मनः स्थिति देखकर उपाय बताए। जिन लोगों ने उन्हें ध्यान से सुना, समझा, उन्होंने बुद्ध के बोध का पूर्ण लाभ उठाया लेकिन जिन लोगों ने बुद्ध के केवल शब्द सुने, वे अपनी मूर्खताओं में लगे रहे। यदि आपने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का असली अर्थ समझ लिया तो यह पुस्तक बोध प्राप्ति के लिए, यानि असली सत्य तक पहुँचने के लिए सरल मार्ग बन सकती है।
इस पुस्तक में भगवान बुद्ध के जीवन को तीन मुख्य किरदारों में पिरोया गया है। पहले किरदार हैं राजकुमार सिद्धार्थ, दूसरे किरदार हैं गौतम और तीसरे किरदार हैं भगवान बुद्ध। भगवान बुद्ध को गौतम बुद्ध भी कहा जाता है लेकिन कभी सिद्धार्थ गौतम नहीं कहा जाता। इन नामों के पीछे भी रहस्य है। इन तीन किरदारों की कहानियों को इस पुस्तक के ज़रिए एक नए और अलग नज़रिए से पढ़ें।
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