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व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> विकास नियम

विकास नियम

सरश्री

प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9543
आईएसबीएन :9788183225694

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

बनाएँ विकास नियम को अपना आदर्श -

विकास नियम हमारे चारों ओर काम कर रहा है। फिर चाहे वह शरीर का विकास हो, बुद्धि का विकास हो, शहर या देश एक विकास हो। यह नियम तो एक बुनियादी नियम है; यह पूर्णता की चाहत है। आइए, इस पुस्तक द्वारा विकास नियम को अपना आदर्श बना लें और विकास की नई ऊँचाइयों को छू लें।

विकास नियम हर इंसान और वस्तु में छिपी संभावनाओं को प्रकट करने का नियम है। यह आपकी संपूर्ण संतुष्टि की चाहत को पूरा करता है। इस नियम के ज़रिए आप जान सकते हैं कि :

• विकास नियम का महामंत्र क्या है
• विकास कि शुरुआत कैसे और कहाँ से करें
• विकास का विकल्प कैसे चुनें
• विकास पर सदा अपनी नज़र कैसे टिकाए रखें
• आत्मविकास के स्वामी कैसे बनें
• इंसान की अंतिम विकास अवस्था क्या है
• स्वयं को और अपने मन की बनाई गई सोच को कैसे जानें

विकास नियम के पन्नों में ऐसी हे कई बातों के सरल जवाब छिपे हैं, इन्हें पढ़ना शुरू करें - आज से, अभी से ...

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