आधुनिक >> मालगुडी का प्रिन्टर मालगुडी का प्रिन्टरआर. के. नारायण
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दो दोस्तों की दोस्ती की कहानी जिसमें कई मजेदार किस्से, रोचक मोड़ और अजीबो-गरीब परिस्थितियां आती है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
साहित्य-अकादमी द्वारा पुरस्कृत लेखक आर. के. नारायण लिखते तो अंग्रेजी में थे लेकिन उनकी सभी पुस्तकों के पात्र तो घटनास्थल छा तरह भारत की मिट्टी से जुड़े होते हैं। उनके लेखन में सहजता और मन को गुदगुदाने वाले व्यंग्य का एक अनोखा मिश्रण मिलता है, जो उनकी हर कृति को अपना ही एक अलग रंग प्रदान करता है।
‘मालगुडी का प्रिन्टर’ सम्पत और श्रीनिवास की दोस्ती की कहानी है। सम्पत मालती में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाते है तौर श्रीनिवास एक पत्र निकालते हैं, जो सम्पत के प्रेस में छपता है और यहीं से शुरु होती है दोनों की दोस्ती की कहानी जिसमें कई मजेदार किस्से, रोचक मोड़ और अजीबो-गरीब परिस्थितियां आती है। लेखक के प्रिय काल्पनिक शहर मालगुडी पर आधारित यह एक पठनीय और रोचक उपन्यास है।
‘मालगुडी का प्रिन्टर’ सम्पत और श्रीनिवास की दोस्ती की कहानी है। सम्पत मालती में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाते है तौर श्रीनिवास एक पत्र निकालते हैं, जो सम्पत के प्रेस में छपता है और यहीं से शुरु होती है दोनों की दोस्ती की कहानी जिसमें कई मजेदार किस्से, रोचक मोड़ और अजीबो-गरीब परिस्थितियां आती है। लेखक के प्रिय काल्पनिक शहर मालगुडी पर आधारित यह एक पठनीय और रोचक उपन्यास है।
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