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पथ का गीत
पथ का गीत
प्रकाशक :
राजपाल एंड सन्स |
प्रकाशित वर्ष : 2012 |
पृष्ठ :112
मुखपृष्ठ :
पेपरबैक
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पुस्तक क्रमांक : 9660
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आईएसबीएन :5 |
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3 पाठकों को प्रिय
365 पाठक हैं
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार, चित्रकार, चिंतक एवं दार्शनिक गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की यह कृति उनकी चुनी हुई कविताओं का उन्हीं के द्धारा प्रस्तुत गद्य रूपांतरण है। इसके काव्य-माधुर्य को संजोये रखते हुए इन भावभीनी रचनाओं की हिन्दी में प्रस्तुति इस पुस्तक के माध्यम से हो रही है। इन कविताओं में सुकोमल प्रकृति के अर्थपूर्ण संकेत, मुक्ति के लिये मन की अकुलाहट, सीमित से असीम में एकाकार होने की अदम्य चाह और निराशा के पलों में आशा का संचार, सभी कुछ रवीन्द्रनाथ टैगोर की कलम से व्यक्त हुआ है।
ये रचनाएं प्रेरणादायी हैं और काव्य-सुख के साथ बोध-कथा का भी देती हैं। इनमें जीवन की जय-यात्रा का संगीत है।
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