नई पुस्तकें >> सुबह का चिन्तन सुबह का चिन्तनआचार्य महाप्रज्ञ
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
हर सुबह हमारे लिए एक खूबसूरत तोहफा लाती है। दिन के उन चौबीस घंटों का तोहफा, जिन्हें हम जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें से हर घंटे को हम कैसे खर्च करते हैं, यहीं तय करता है कि हम जीवन से क्या पाएंगे और क्या नहीं। हम एक खुशहाल और इत्मीनान भरा जीवन जी सके, इसलिए इस किताब में साल के हर दिन के लिए एक खूबसूरत विचार दिया गया है। विद्वान् लेखक और विचारक आचार्य महाप्रज्ञ के लिखे ये 365 विचार उनके ज्ञान का सार है और संतुलित एवं मर्यादित जीवन की राह दिखाते है।
आचार्य महाप्रज्ञ जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज के दसवें आध्यात्मिक गुरु हैं। उन्होंने बाईस साल की उम्र में लिखना शुरू किया था और अब तक वे ध्यान और अध्यात्म सहित मानव मस्तिष्क और मानव व्यवहार के विभिन्न पहलुओं पर दो सो से भी ज्यादा पुस्तकें लिख चुके है। ये किताबें हिंदी, संस्कृत, प्राकृत और राजस्थानी में हैं।
आचार्य महाप्रज्ञ जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज के दसवें आध्यात्मिक गुरु हैं। उन्होंने बाईस साल की उम्र में लिखना शुरू किया था और अब तक वे ध्यान और अध्यात्म सहित मानव मस्तिष्क और मानव व्यवहार के विभिन्न पहलुओं पर दो सो से भी ज्यादा पुस्तकें लिख चुके है। ये किताबें हिंदी, संस्कृत, प्राकृत और राजस्थानी में हैं।
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