गीता प्रेस, गोरखपुर >> कल्याण पथ कल्याण पथस्वामी रामसुखदास
|
7 पाठकों को प्रिय 388 पाठक हैं |
परमार्थ-पथ के पथिकों की सेवा में यह पाथेय-तुल्य पुस्तक प्रस्तुत की जा रही है। मनुष्य रूपी जीवन को कल्याण पथ पर अग्रसित करें।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
नम्र निवेदन
परमार्थ-पथ के पथिकों की सेवा में यह पाथेय-तुल्य पुस्तक प्रस्तुत की जा
रही है। इससे पहले भी परमश्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज की कई
पुस्तकें गीताप्रेस से प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनसे भगवत्प्रेमी भाई-बहनों
ने बहुत लाभ उठाया है एवं उठा रहे हैं।
गीताप्रेस से निकलनेवाले लोकप्रिय मासिक पत्र ‘कल्याण’ के विशेषांकों में समय-समय पर परमश्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराज के लेख प्रकाशित होते रहते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में प्रायः उन्हीं लेखों का संग्रह यथावश्यक संशोधन-संवर्धन के साथ प्रकाशित किया जा रहा है। कल्याणकामी भाई-बहनों से विनम्र निवेदन है कि वे विविध विषयों से समन्वित इस पुस्तक के अध्ययन-मनन से लाभ उठायें। प्रथम संस्करण में यही पुस्तक कल्याणकारी उपदेश के नाम से प्रकाशित की गयी थी। द्वितीय संस्करण से इसका नाम परिवर्तित कर कल्याण-पथ कर दिया गया है।
गीताप्रेस से निकलनेवाले लोकप्रिय मासिक पत्र ‘कल्याण’ के विशेषांकों में समय-समय पर परमश्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराज के लेख प्रकाशित होते रहते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में प्रायः उन्हीं लेखों का संग्रह यथावश्यक संशोधन-संवर्धन के साथ प्रकाशित किया जा रहा है। कल्याणकामी भाई-बहनों से विनम्र निवेदन है कि वे विविध विषयों से समन्वित इस पुस्तक के अध्ययन-मनन से लाभ उठायें। प्रथम संस्करण में यही पुस्तक कल्याणकारी उपदेश के नाम से प्रकाशित की गयी थी। द्वितीय संस्करण से इसका नाम परिवर्तित कर कल्याण-पथ कर दिया गया है।
-प्रकाशक
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book