नई पुस्तकें >> हिन्दू मान्यताओं का धार्मिक आधार हिन्दू मान्यताओं का धार्मिक आधारभोजराज द्विवेदी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
समाज में प्रचलित मान्युताओं, रूढियों अथ्वाु परम्पलराओं का कहीं कोई धार्मिक आधार है या नहीं। यह चिंतन समय की मांग है। हिन्दू सनातन मान्य ताओं में विश्वाास रखनेवाला एक बहुत बड़ा वर्ग यह चाहता है कि हिन्दू धर्म की हर आस्थाह के भाव हृदय की धड़कन से जुड़े हैं। आस्थाावान आस्तिक होता है तथा वैज्ञानिक मन-मस्तिष्कस नास्तिक होता है। दोनों का समन्वकय बड़ी दुविधाजनक स्थिति को इंगित करता हैं अतः समाज में जो प्रचलित मान्यिताएं है उसके धार्मिक आधार व पहलू पर ज्या़दा चर्चा होनी चाहिए ताकि हमें हमारी मान्यैताओं के धार्मिक मूलाधार का पता चल सके। हिन्दू धर्मशास्त्री अपने आप में एक विज्ञान है। शास्त्रम प्रमाण अपने आप में बहुत बड़ा प्रमाण है। हमारे धर्मशास्त्रों को दूसरे वैज्ञानिकों से प्रमाण-लेने की आवश्यकता नहीं। जनमानस ने शास्त्र -चर्चा पर ज्याादा जोर दिया फलतः हिन्दू मान्यसताओं का धार्मिक आधार वाला यह पुस्तशक आपके हाथ में है। हिन्दूर मान्यणताओं का वैज्ञानिक आधार पुस्तिक अलग से प्रकाशित है।
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