जैन साहित्य
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तत्त्वार्थराजवार्तिक (द्वितीय भाग) (संस्कृत, हिन्दी)भट्ट अकलंक
मूल्य: Rs. 250 उमास्वामी कृत 'तत्त्वार्थसूत्र' के प्रत्येक सूत्र पर वार्तिक रूप में व्याख्या किये जाने के कारण इस महाग्रन्थ को 'तत्त्वार्थवार्तिक' कहा गया है. आगे... |
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तत्त्वार्थराजवार्तिक (प्रथम भाग) (संस्कृत, हिन्दी)भट्ट अकलंक
मूल्य: Rs. 200 उमास्वामी कृत 'तत्त्वार्थसूत्र' के प्रत्येक सूत्र पर वार्तिक रूप में व्याख्या किये जाने के कारण इस महाग्रन्थ को 'तत्त्वार्थवार्तिक' कहा गया है. आगे... |
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न्यायविनिश्चयविवरण (संस्कृत) भाग-2वादिराज सूरि
मूल्य: Rs. 200 'न्यायविनिश्चय' में अकलंकदेव ने जिन तीन प्रस्तावों-- प्रत्यक्ष, अनुमान और प्रवचन में जैन न्याय के सिद्धान्तों का गम्भीर और ओजस्वी भाषा में प्रतिपादन किया है, आगे... |
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मूकमाटी-मीमांसा (बृहत् ग्रन्थ, तृतीय खंड)आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी, प्रभाकर माचवे
मूल्य: Rs. 450 'मूकमाटी-मीमांसा' में समीक्षकों ने प्रयास किया है कि आलोच्य ग्रन्थ का कथ्य उभरकर पाठकों के समक्ष स्पष्ट रूप से आ जाये. आगे... |
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मूकमाटी-मीमांसा (बृहत् ग्रन्थ, द्वितीय खंड)आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी, प्रभाकर माचवे
मूल्य: Rs. 450 'मूकमाटी-मीमांसा' में समीक्षकों ने प्रयास किया है कि आलोच्य ग्रन्थ का कथ्य उभरकर पाठकों के समक्ष स्पष्ट रूप से आ जाये. आगे... |
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तत्त्वार्थवृत्ति (संस्कृत, हिन्दी)श्रुतसागर सूरि
मूल्य: Rs. 300 जैन आगम में लोकप्रिय आचार्य उमास्वामी (प्रथम शताब्दी ईस्वी) के ग्रन्थ 'तत्त्वार्थाधिगमसूत्र' को संक्षेप में 'तत्त्वार्थसूत्र' और दूसरे शब्दों में 'मोक्षशास्त्र' कहते हैं. आगे... |
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गोम्मटसार, जीवकाण्ड (द्वितीय भाग)आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती
मूल्य: Rs. 225 जैन धर्म के जीवतत्त्व और कर्मसिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करने वाला महान ग्रन्थ है 'गोम्मटसार'. आगे... |
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गोम्मटसार, जीवकाण्ड (प्रथम भाग)आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती
मूल्य: Rs. 250 जैन धर्म के जीवतत्त्व और कर्मसिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करने वाला महान ग्रन्थ है 'गोम्मटसार'. आगे... |
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गोम्मटसार, कर्मकाण्ड (प्रथम भाग)आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती
मूल्य: Rs. 300 जैन धर्म के जीवतत्त्व और कर्मसिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करने वाला महान ग्रन्थ है 'गोम्मटसार'. आगे... |
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न्यायविनिश्चयविवरण (संस्कृत) भाग-1वादिराज सूरि
मूल्य: Rs. 300 'न्यायविनिश्चय' में अकलंकदेव ने जिन तीन प्रस्तावों-- प्रत्यक्ष, अनुमान और प्रवचन में जैन न्याय के सिद्धान्तों का गम्भीर और ओजस्वी भाषा में प्रतिपादन किया है, आगे... |
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मूलाचार (प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी) भाग-2आचार्य वट्टकेर
मूल्य: Rs. 200 मूलाचार सबसे प्राचीन लगभग दो हजार वर्ष पूर्व रचा गया ग्रन्थ है आगे... |
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मूलाचार (प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी) भाग-1आचार्य वट्टकेर
मूल्य: Rs. 300 मूलाचार सबसे प्राचीन लगभग दो हजार वर्ष पूर्व रचा गया ग्रन्थ है आगे... |
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सावयपन्नती (श्रावकप्रज्ञप्ति) मूलहरिभद्र सूरि
मूल्य: Rs. 90 आचार्य हरिभद्रसूरि ने ४०१ गाथाओं में प्राकृत भाषा में निबद्ध इस 'सावयपन्नती (श्रावकप्रज्ञप्ति)' श्रावकाचार ग्रन्थ की रचना की. आगे... |
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समराइच्चकहा (प्राकृत गद्य, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद) भाग 2हरिभद्र सूरि
मूल्य: Rs. 140 प्रचलित भाषा में इसे नायक और प्रतिनायक के बीच जन्म-जन्मान्तरों के जीवन-संघर्षों की कथा का वर्णन करने वाला प्राकृत का एक महान उपन्यास कहा जा सकता है. आगे... |
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समराइच्चकहा (प्राकृत गद्य, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद) भाग 1हरिभद्र सूरि
मूल्य: Rs. 140 प्रचलित भाषा में इसे नायक और प्रतिनायक के बीच जन्म-जन्मान्तरों के जीवन-संघर्षों की कथा का वर्णन करने वाला प्राकृत का एक महान उपन्यास कहा जा सकता है. आगे... |
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यशोधरचरित की सचित्र पाण्डुलिपियाँकमला गर्ग
मूल्य: Rs. 75 विभिन्न आचार्यों द्वारा विरचित तथा जैन पुराण-कथा पर आधारित 'यशोधरचरित' की पन्द्रहवीं से अठारहवीं शती तक की अद्यावधि उपलब्ध आगे... |
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अम्बिका इन जैन लिटरेचरमारुति नंदन प्रसाद तिवारी
मूल्य: Rs. 100 |
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पंचास्तिकाय-सारआचार्य कुन्दकुन्द
मूल्य: Rs. 250 |
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मूक माटीआचार्य विद्यासागर
मूल्य: Rs. 480
धर्म-दर्शन एवं अध्यात्म केसार को आज की भाषा एवं मुक्त-छन्द की मनोरम काव्य-शैली में निबद्ध कर कविता-रचना को नया आयाम देने वाली एक अनुपम कृति आगे... |