लोगों की राय

राजकमल प्रकाशन की पुस्तकें :

प्रतिनिधि कहानियाँ: जोगेंद्र पॉल

जोगेंद्र पाल

मूल्य: $ 1.95

जोगिन्दर पाल की प्रतिनिधि कहानियाँ   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: ज्ञानरंजन

ज्ञानरंजन

मूल्य: $ 3.95

इस संग्रह में उनकी प्रायः सभी बहुचर्चित कहानियाँ शामिल हैं जो समकालीन सामाजिक जीवन की अनेकानेक विरूपताओं का खुलासा करती हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: प्रेमचंद

प्रेमचंद

मूल्य: $ 8.95

सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कथाकार भीष्म साहनी द्वारा चयनित ये कहानियां भारतीय समाज और उसके स्वाभाव के जिन विभिन्न मसलो को उठाती हैं, ‘आजादी’ के बावजूद वे आज और भी विकराल हो उठे हैं   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: बलवंत सिंह

बलवंत सिंह

मूल्य: $ 3.95

बलवंत सिंह सिर्फ आदमी को ही नहीं रचते, कहानी की शर्त पर उसके खेल और कर्म को भी तरतीब देते हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: भगवतीचरण वर्मा

भगवतीचरण वर्मा

मूल्य: $ 3.95

इन कहानियों को पढ़ते हुए हमें ऐसा लगने लगता है कि हम अपने ही आसपास की जीवित सच्चाइयों और वर्गीय विविधताओं से गुजर रहे हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: मन्नू भंडारी

मन्नू भंडारी

मूल्य: $ 3.95

मन्नू भंडारी की ये कहानियाँ कहानी-कला के अपने तकाजों और चुनौतियों से बेबाक भाषा में जूझती हुई सामाजिक सरोकार की भी कहानियाँ हैं और आज के अर्धसामन्ती-अर्धपूँजीवादी समाज में नारी के उभरते व्यक्तित्व, सम्बन्धों के बदलते स्वरूप और उसके संघर्षों को रेखांकित करती हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: ममता कालिया

ममता कलिया

मूल्य: $ 1.95

हिन्दी की सुपरिचित लेखिका ममता कालिया की कहानियों के इस संग्रह में शिक्षित मध्यवर्गीय नारी की आशाओं, आकांक्षाओं, संघर्षों और स्वप्नों का यथार्थपरक अंकन हुआ है।   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: मिथिलेश्वर

मिथिलेश्वर

मूल्य: $ 3.95

ये सभी कहानियाँ वर्तमान ग्रामीण जीवन के विभिन्न अन्तर्विरोधों को उद्‌घाटित करती हैं, जिससे पता चलता है कि आजादी के बाद ग्रामीण यथार्थ किस हद तक भयावह और जटिल हुआ है।   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: मुक्तिबोध

गजानन माधव मुक्तिबोध

मूल्य: $ 1.95

मुक्तिबोध की कहानियाँ अखंड उदात्त आस्था के साथ आम आदमी को उसके भीतर छिपे इस सष्टा महामानव तक ले जाती हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कहानियाँ: यशपाल

यशपाल

मूल्य: $ 3.95

प्रेमचंद की कथा-परंपरा को विकसित करनेवाले सुविख्यात कथाकार यशपाल के लिए साहित्य एक ऐसा शास्त्र था, जिससे उन्हें संस्कृति का पूरा युद्ध जितना था, और उन्होंने जीता।   आगे...

‹ First114115116117118Last ›   2025 पुस्तकें हैं|