शब्द का अर्थ
|
अगु :
|
पुं० [सं० न० ब०] १. राहु ग्रह। २. अंधकार। अँधेरा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुआ :
|
पुं० [सं० अग्रगुः] १. वह जो दूसरों के आगे चले। वह जिसके पीछे और लोग चलें। उदा०—अगुआ भयऊ शेख बुरहाना।—जायसी। २. दूसरों का पथ-प्रदर्शन करने वाला। ३. वह जो सबसे आगे बढ़कर किसी काम में हाथ बँटाये। ४. वह जो औरों का प्रतिनिधायन करे। ५. नेता। सरदार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुआई :
|
स्त्री० [हिं० आगा+आई (प्रत्य०)] १. आगे होने या आगे चलने की क्रिया या भाव। २. पथ-प्रदर्शन करने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुआड़ :
|
पुं० [सं० अग्र] अगवाड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुआना :
|
स० [सं० अग्र] अगुआ बनाना या निश्चित करना। अ० आगे होना या बढ़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुआनी :
|
स्त्री०=अगवानी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुण :
|
वि० [सं० न० ब०]=निर्गुण। पुं० [न० त०] अवगुण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुणज्ञ :
|
वि० [सं० न० त०] जो गुणज्ञ न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुणवादी (दिन्) :
|
वि० [सं० अगुण√वद् (बोलना)+णिनि] जो दूसरों के अवगुण या दोष निकालता हो। छिद्रान्वेषी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुणी (णिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो गुणों से रहित हो। २. मूर्ख। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुताना :
|
अ०=उकताना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुन :
|
वि० =निर्गुण। पुं० =अवगुण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुमन :
|
क्रि० वि० दे० ‘अगमन’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुरु :
|
वि० [सं० न० त०] जो गुरु अर्थात् भारी न हो। हल्का। २. जिसने गुरु से उपदेश या शिक्षा न पायी हो। ३. मात्रा या वर्ण जो गुरु न हो। लघु। पुं० १. अगर वृक्ष। २. शीशम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुवा :
|
पु०=अगुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुसरना :
|
अ० [सं० अग्रसर+ना (प्रत्य०)] आगे बढ़ना। उदा०—एका परग न सो अगुसरई।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगुसारना :
|
स० [सं० अग्रसर) आगे करना या बढ़ाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |