शब्द का अर्थ
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अभंग :
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वि० [सं० न० ब०] १. जो भंग या भग्न न हुआ हो। २. जिसका नाश न हो। ३.जिसका क्रम न टूटे। लगातार। पुं० १. संगीत में, एक ताल जिसमें एक लघु, एक गुरू और दो प्लुत मात्राएं होती हैं। २. एक प्रकार का मराठी पद या भजन। |
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समानार्थी शब्द-
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अभंग-पद :
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पुं० [कर्म० स०] श्लेष कथन के दो भेदों में से एक जिसमें किसी के कहे हुए पद का बिना उसके शब्दों के टुकड़े किये हुए कुछ और ही अर्थ लगाया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
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अभंगी (गिन्) :
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वि० [सं० न० त०] जो किसी प्रकार भंग न हो सके अथवा जिसका भंग करना उचित न हो। |
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अभंगुर :
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वि० [सं० न० त०] [भाव० अभंगुरता] १. जो कभी नष्ट न हो। अविनश्वर। २. जो भंगुर न हो। साधारण आघात से न टूटनेवाला। (इन्फ्रैन्जिबुल्) |
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