शब्द का अर्थ
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अर्ह :
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वि० [सं०√अर्ह+अच्] १. आदरणीय। पूज्य। २. उपयुक्त। योग्य। ३. अधिकारी या पात्र। पुं० १. ईश्वर। २. विष्णु। ३. इंद्र। ४. सोना। स्वर्ण। ५. पूजा। ६. गति। चाल। ७. योग्यता। |
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समानार्थी शब्द-
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अर्हण :
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पुं० [सं० अर्ह्+ल्युट्-अन] आदर-सत्कार या पूजा करना। |
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अर्हणा :
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स्त्री० [सं० अर्ह+युच्-अन, टाप्]=अर्हण। |
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अर्हणीय :
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वि० [सं०√अर्ह+अनीयर] जिसका आदर-सत्कार या पूजा होने को हो अथवा जो उसका पात्र हो। आदरणीय। पूज्य। |
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अर्हत :
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वि० [सं० अर्ह (पूजा)+झ (बा०) =अन्त] सुयोग्य। पुं० बुद्ध। पुं० जैनियों के एक जिन देव। |
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अर्हत् :
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वि० [सं०√अर्ह्+शतृ] पूज्य। पुं० जिनदेव (जैनियों के देवता)। |
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अर्हा :
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स्त्री० [सं०√अर्ह+अङ-टाप्]=अर्हण। |
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अर्हित :
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भू० कृ० [सं०√अर्ह्+क्त] जिसका आदर सत्कार या पूजा हुई हो। पूजित। |
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