शब्द का अर्थ
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असि :
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स्त्री० [सं०√अस् (फेंकना)+इन्] १. तलवार। २. खडंग। ३. भुजाली। ४. श्वास। ५. दे०असी। अ० हिं० असना (होना) क्रिया का पूर्वकालिक रूप (उदा० दे० हसि में जो इसका स्थानिक रूप है)। |
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असि-दंत :
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पुं० [सं० ब० स०] मगर। घड़ियाल। |
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असि-धेनु :
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स्त्री० [ब० स०] छूरा। छुरी। |
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असि-पत्र :
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पुं० [ब० स०] १. ईख। २. तलवार की म्यान। ३. दे० ‘असिपत्र वन’। |
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असि-पुत्री :
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स्त्री० [ष० त०] छुरी। |
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असिक :
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पुं० [सं० असि+कन्] १. होठ और ठुड्डी के बीच का गहरा भाग। चिबुक। २. एक प्राचीन देश का नाम। |
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असिक्नी :
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स्त्री० [सं० असित+ङीष्, क्न आदेश] १. पंजाब की चिनाब नदी का पुराना नाम। २. वीरण प्रजापित की कन्या। ३. अंतःपुर में रहनेवाली युवा दासी। |
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असिजीवी (विन्) :
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वि० [सं० असि√जीव् (जीना)+णिनि] जिसकी जीविका असि या तलवार से चलती हो अर्थात् सिपाही या सैनिक। |
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असित :
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वि० [सं० न० त०] [भाव० असिता] १. जो सित या सफेद न हो। काला। २. दुष्ट। बुरा। ३. टेढ़ा। कुटिल। ४. नीला। पुं० १. देवल नामक ऋषि का एक नाम। २. राजा भरत का एक पुत्र। ३. शनि। ४. पिंगला नामक नाड़ी। ५. धौ का पेड़। ६. काला या नीला रंग। ७. कृष्णपक्ष। |
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असित-गिरि :
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पुं० [कर्म० स०] नीलगिरि नामक पर्वत। |
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असित-ग्रीव :
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पुं० [ब० स०] अग्नि। |
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असिता :
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स्त्री० [सं० असित+टाप्] १. यमुना नदी। २. नीली नामक पौधा। |
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असितांग :
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वि० [असित-अंग, ब० स०] १. काले अंगोवाला। २. काले रंग का। पुं० शिव का एक रूप। |
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असितोत्पल :
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पुं० [सं० असित-उत्पल, कर्म० स०] नील कमल। |
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असितोपल :
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पुं० [सं० असित-उपल, कर्म० स०] नीलम। |
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असिद्ध :
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वि० [सं० न० त०] [भाव० असिद्धि] १. जो नियम, प्रमाण सिद्धांत आदि से ठीक या पूरा सिद्ध न होता हो। जैसे—शब्द का असिद्ध रूप। २. जिसने अभी तक सिद्धि प्राप्त न की हो। ३. (अन्न या फल) जो कभी आग पर न पका हो। कच्चा। ४. अपूर्ण। अधूरा। ५. व्यर्थ। पुं० एक प्रकार का बड़ा और ऊँचा वृक्ष जिसकी लकड़ी इमारत के काम में आती है। |
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असिद्धि :
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स्त्री० [सं० न० त०] १. असिद्ध होने की अवस्था या भाव। अर्थात् कच्चापन। कचाई। २. अपूर्णता। |
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असिधाराव्रत :
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पुं० [सं० असि-धारा, ष० त० असिधारा-व्रत, मध्य० स०] १. ऐसा कठोर व्रत जो तलवार की धार पर चलने के समान हो। २. एक प्राचीन प्रथा या व्रत जिसमें पति और पत्नी इसलिए बीच में नंगी तलवार रखकर इसलिए सोते थे कि रात में भूल से भी परस्पर अंग स्पर्श न होने पावे। |
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असिपत्र-वन :
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पुं० [ष० त०] शरीर के अंदर का साँस लेने का मार्ग। |
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असिव :
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वि० =अशिव (अशुभ) उदाहरण—ऐसे असिव असवार अग्गोल गोल, भिरे भूप सुतते अमोले।—चंदवरदाई।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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