शब्द का अर्थ
|
तपन :
|
वि० [सं०√तप्+ल्यु-अन] १. तपनेवाला। २. कष्ट या दुःख देनेवाला। पुं० १. सूर्य। २. सूर्यकांतमणि। ३. एक प्रकार की अग्नि। ४. धूप। ५. साहित्य में वे कष्टसूचक शारीरिक व्यापार जो प्रिय के वियोग में स्वाभाविक रूप से होते हैं। ६. एक नरक जिसमें ताप की बहुत अदिकता कही गई है। ७. अरनी,बिलावाँ मंदार आदि वृक्षों की संज्ञा। स्त्री० [हिं० तपना] १. तपे होने की अवस्था या भाव। २. किसी चीज के तपे हुए होने की वह स्थिति जिसमें अधिक ताप की अनुभूति होती है। तपिश। जैसे–कमरे में तपन है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपन-कर :
|
पुं० [ष० त०] सूर्य की किरण। रश्मि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपन-तनय :
|
पुं० [ष० त०] सूर्य का पुत्र। विशेष–कर्ण, यम, शनि, सुग्रीव, आदि सूर्य के पुत्र माने गये हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपन-तनया :
|
स्त्री० [ष० त०] १. सूर्य की पुत्री, यमुना नदी। २. शमी वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपन-मणि :
|
पुं० [मध्य० स०] सूर्यकांत मणि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनच्छद :
|
पुं० [ब० स०] मदार का पेड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपना :
|
अ० [सं० तपन०] १. अधिक ताप से युक्त होना। तप्त होना। जैसे–तंदूर या तवा तपना। २. तप या तपस्या करना। ३. मन ही मन बहुत अधिक कष्ट या दुःख भोगना। संतप्त होना। उदाहरण–निरखि सहचरी को अति तपनौ, कहा लगी तब अपनौ सपनौ।–नंददास। ४. लोगों पर आतंक फैलाते हुए अपने तेज या प्रभुत्व का सिक्का जमाना। जैसे–वह कोतवाल अपने समय में बहुत तपा हुआ था। ५. केवल शान दिखाने के लिए आवश्यकता से अधिक प्रायः व्यर्थ के कामों में धन व्यय करना। जैसे–बाप के मरने पर कंजूस रईसों से लड़के खूब तपते हैं। ६. किसी काम में निरंतर लगे रहकर उसके लिए बहुत कष्ट भोगना। जैसे–आप तपे हुए देश-सेवी हैं। अ० [सं० तप] तपस्या करना। उदाहरण–-पहुँचे आनि तुरंत तपति भूपति जिहिं कानन।–रत्नाकर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनाराधन :
|
पुं० [सं० तपन-आराधन] तपस्या। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनांशु :
|
पुं० [सं० तपन-अंशु० ष० त०] सूर्य की किरण। रश्मि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनि :
|
स्त्री=तपन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनी :
|
स्त्री० [हिं० तपना] १. वह स्थान जहाँ आग जलाकर तापी जाती है। कौड़ा। अलाव। क्रि० वि०–तापना। २. तप। तपस्या। ३. तपन। स्त्री० [सं० तपन+ङीष्] १. गोदावरी नदी। २. पाठा लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनीय :
|
पुं० [सं०√तप्+अनीयर०] सोना। वि० तपने या तपाने के योग्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनीयक :
|
पुं० [सं० तपनीय+कन्]–तपनीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनेष्ट :
|
पुं० [तपन-इष्ट,ष०त०] ताँबा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तपनोपल :
|
पुं० [तपन-उपल, मध्य० स०] सूर्यकांत मणि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |