शब्द का अर्थ
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तल्ल :
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पुं० [सं० तत्√ली (लीन होना)+ड] १. बिल। विवर। २. गड्ढा। ३. ताल। तालाब। |
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समानार्थी शब्द-
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तल्लज :
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वि० [सं० तत्√लज् (कान्ति)+अच्] उत्तम श्रेष्ठ। |
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तल्लह :
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पुं० [सं० तल्ल√हा (त्यागना)+क] कुत्ता। |
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तल्ला :
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पुं० [सं० तल] १. तल। पेंदा। २. जूते में चमड़े का वह अंश या भाग जो तलवे के नीचे रहता है और जमीन पर पड़ता है। तला। ३. किसी प्रकार की दोहरी चीज में तले या नीचे की परत या पल्ला। ४. कपड़े में लगाया जानेवाला अस्तर ५. निकटता। समीपता। पुं० [सं० तल्प] मकान का कोई खंड या मंजिल। जैसे–तीन तल्ले का मकान। |
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तल्लिका :
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स्त्री० [सं० तल्ल+कन्-टाप्, इत्व] ताले की कुंजी। ताली। |
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तल्ली :
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स्त्री० [सं० तत्√लस् (शोभित होना)+ड-ङीष्] १. तरुणी। युवती। २. नौका। नाव। ३. वरुण की पत्नी का नाम। स्त्री० [सं० तल] १. जूते का तल्ला। तला। २. दे० ‘तल-छट’। |
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तल्लीन :
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वि० [सं० तत्-लीन, स० त०] जो किसी काम या बात के संपादन में दत्तचित्त होकर लगा हो। मग्न। |
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तल्लुआ :
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पुं० [देश०] मध्य युग में गाढ़े या सल्लम की तरह का एक प्रकार का मोटा कपड़ा। तुकरी। महमूदी। |
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तल्लो :
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पुं० [सं० तल] जाँते का नीचेवाला पाट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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