| शब्द का अर्थ | 
					
				| लक्षि					 : | स्त्री० =लक्ष्मी। पुं० =लक्ष्य। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| लक्षित					 : | भू० कृ० [सं०√लक्ष्+क्त] १. लक्ष्य या ध्यान में आया या लाया हुआ। जिसकी ओर लक्ष गया हो। २. जिसकी ओर दूसरों का ध्यान लगाया गया हो। निर्दिष्ट। ३. अनुभव से जाना या समझा हुआ। ४. किसी प्रकार के लक्षण या चिन्ह से युक्त। ५. जिस पर चिन्ह लगाया गया हो। पुं० वह अर्थ जो शब्द की लक्षणा शक्ति द्वारा ज्ञात होता है। | 
			
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				| लक्षित-लक्षणा					 : | स्त्री० [सं० स० त०] शब्द की वह शक्ति जो मुख्यार्थ को छोड़कर लक्ष्यार्थ का ग्रहण कराती है। | 
			
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				| लक्षितव्य					 : | वि० [सं०√लक्ष्+तव्य] १. जिसकी ओर लक्ष्य होना उचित हो। २. जिस पर चिन्ह किया जाने को हो। ३. जिसकी परिभाषा की जाने को हो। | 
			
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				| लक्षिता					 : | स्त्री० [सं० लक्षित+टाप्] साहित्य में वह नायिका जिसके लक्षणों से उसका पर-पुरुष प्रेम जानकर किसी सखी ने उस पर प्रकट किया हो। | 
			
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				| लक्षितार्थ					 : | पुं० [सं० लक्षित-अर्थ, कर्म० स०] शब्द की लक्षणा-शक्ति से निकलनेवाला अर्थ। | 
			
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