| शब्द का अर्थ | 
					
				| लहन					 : | पुं० १. =लहना (प्राप्तव्य)। २. =कंजा (वनस्पति)। | 
			
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				| लहनदार					 : | पुं० [हिं० लहना+फा० दार] वह मनुष्य जिसका कुछ लहना किसी पर बाकी हो। अपना प्राप्य धन पाने या लेने का अधिकारी व्यक्ति। | 
			
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				| लहना					 : | स० [सं० लमन्, प्रा० लहन] १. प्राप्त करना। लाभ करना। पाना। २. आधिकारिक रूप से वह धन जो किसी से प्राप्य हो या किसी की ओर बाकी निकलता हो। पावना। पद—लहना-पावना=औरों को दिया हुआ ऐसा धन जो आधिकारिक रूप से प्राप्य हो। ३. भाग्य। स० [सं० लवन] १. काटना। छेदना। २. खेत की फसल काटना। ३. कतरना, छीलना या तराशना। स०=लहाना। अ० [सं० लसन] कही हुई बात या सोची हुई युक्ति का ठीक मौके पर बैठकर अभिप्राय की सिद्धि में सहायक होना। जैसे—यहाँ तो तुम्हारी बात (या तरकीब) लह गई अर्थात् ठीक सिद्ध हुई। | 
			
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				| लहनी					 : | स्त्री० [हिं० लहना] १. प्राप्य धन। लहना। २. भाग्य का फलभोग। ३. कसेरों का बरतन छीलने का एक औजार। | 
			
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