| शब्द का अर्थ | 
					
				| लाभ					 : | पुं० [सं०√लभ् (प्राप्ति)+घञ्] १. कोई चीज हाथ में आना। प्राप्त होना। मिलना। प्राप्ति। लब्धि। जैसे—पुण्य का लाभ होना। (गेन)। २. किसी प्रकार का होनेवाला हित। उपकार। फायदा। (बेनिफिट) जैसे—दवा से होनेवाला लाभ। ३. रोजगार आदि में होनेवाला मुनाफा (प्रॉफिट)। | 
			
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				| लाभ-कारक					 : | वि० [सं० ष० त०] जिससे लाभ होता हो। फल करानेवाला। फायदेमंद। | 
			
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				| लाभ-दायक					 : | वि० [सं० ष० त०] जो लाभ कराता हो। लाभ देनेवाला। | 
			
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				| लाभ-मद					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] वह मद या अहंकार जिसके कारण मनुष्य अपने आपको लाभवाला और दूसरे को हीन-पुण्य समझे। (जैन) | 
			
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				| लाभ-स्थान					 : | पुं० [सं० ष० त०] जन्म-कुंडली में लग्न ग्यारहवाँ स्थान जो धन-धान्य, संतान, विद्या, आयु आदि का सूचक होता है। (फलित ज्योतिष) | 
			
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				| लाभकारी (रिन्)					 : | वि० [सं० लाभ√कृ+णिनि] लाभकारक। | 
			
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				| लाभांतराय					 : | पुं० [सं० लाभ-अंतराय, स० त०] वह अंतराय कर्म जिसके उदय होने से मनुष्य के लाभ में विघ्न पड़ता है। (जैन) | 
			
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				| लाभार्थी (थिन्)					 : | पुं० [सं० लाभ√अर्थ (चाहना)+णिनि] १. वह जो किसी प्रकार के लाभ की कामना करता हो। २. दे० हिताधिकारी। | 
			
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				| लाभालाभ					 : | पुं० [सं० लाभ-अलाभ, द्व० स०] लाभ और अलाभ। हानि-लाभ। (प्रॉफिट ऐंड लॉस)। | 
			
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				| लाभांश					 : | पुं० [सं० लाभ-अंश, ष० त०] लाभ का वह अंश जो किसी कारखाने के हिस्सेदारों को उनके द्वारा लगाई हुई पूँजी के अनुपात में मिलता है। (डिविडेन्ड) | 
			
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