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			| शब्द का अर्थ |  
				| लिंग-पूजा					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] पुरुष की जनन-शक्ति के प्रतीक के रूप में लिंग की पूजा करने की प्रथा जो अनेक प्राचीन जातियों में प्रचलित थी और अब भी हिन्दुओं में जो शिव-लिंग की पूजा के रूप में प्रचलित है। (फेल्लिसिज्म)। विशेष—प्राचीन काल में, अरब, जापान, मिस्र, रोम, यूनान आदि अनेक देशो में पुरुष की जननेन्द्रिय या लिंग ही सारे जगत् का मूल कारण माना जाता था और इसीलिए वहाँ भी ईश्वर या स्रष्टा देवता के रूप में लिंग की ही पूजा होती थी। यहाँ तक कि काबुल के पुराने मंदिरों में बहुत से ऐसे लिंग निकले हैं जो भारतीय शिव-लिंग से बहुत कुछ मिलते हैं। वैदिक काल में अनेक अनार्य भारतीय जातियों में भी यह लिंग पूजा प्रचलित थी। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |