| शब्द का अर्थ | 
					
				| लीन					 : | वि० [सं०√ली (लय)+क्त, त—नः] [भाव० लीनता] १. जिसका लय हो चुका हो। जो किसी में समा गया हो। २. जो किसी काम में इस प्रकार लगा हुआ हो कि उसे और कामों या बातों का ध्यान या चिन्ता न रहे। ३. अधिकार या सुभीता जो नियत अवधि तक उपयोग में न आने के कारण हाथ से निकल गया हो। (लैप्स्ड) | 
			
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				| लीनता					 : | स्त्री० [सं० लीन+तल्+टाप्] १. लीन होने की अवस्था या भाव। २. जैनों में, वह अवस्था जब वे उदासीनतापूर्वक रहते हैं। | 
			
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				| लीनो टाइप मशीन					 : | स्त्री० [अ०] छापे के अक्षर बैठने का एक प्रकार का यन्त्र। | 
			
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				| लीन्हे					 : | अव्य० [हिं० लीन्ह=लिया] १. लिए। वास्ते। २. चक्कर या फेर में पड़कर। उदाहरण—कंचन मनि तजि काँचहि सेंतत या माया के लीन्हें।—सूर। | 
			
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