| शब्द का अर्थ | 
					
				| लुंड					 : | पुं० [सं० लुंड् (स्तेय)+अच्] चोर। पुं० =रुंड। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| लुंड-मंड					 : | वि० [सं० रुंड+मुंड] १. जिसका सिर, हाथ, पैर आदि कटे हों, केवल धड़ का लोथड़ा रह गया हो। २. जिसके हाथ-पैर कटे हों। लँगड़ा या लूला। ३. जिसके आवश्यक या उपयोगी अंग कट गये हों। ४. गठरी आदि की तरह गोल-मोल किया हुआ। | 
			
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				| लुंडा					 : | वि० [सं० रुंड] [स्त्री० अल्पा० लुंडी] १. जिसकी पूँछ पर बाल न हों। (बैल) २. जिसके पर और पूँछ के बाल कट कर या झड़ गये हों। (पक्षी)। पुं० [हिं० लुंडी] बड़ा लुंडा या गोला। | 
			
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				| लुंडिका					 : | स्त्री० [सं०√लुंड+इन्+कन्+टाप्] गोल पिंड। लुंडी। | 
			
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				| लुंडियाना					 : | स० [हि० लुंडी०] सूत, रस्सी आदि को लुंडी या गोले के रूप में लपेटना। लुंडी के रूप में लाना। | 
			
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				| लुंडी					 : | स्त्री० [सं० लुंडिका] लपेटे हुए सूत का गोलाकार पिंडी। | 
			
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