| शब्द का अर्थ | 
					
				| लेश					 : | पुं० [सं०√लिश् (कम होना)+घञ्] १. अणु। २. किसी चीज का बहुत थोड़ा अंश। ३. सूक्ष्मता। ४. चिन्ह। निशान। ५. लगाव। संबंध। ६. साहित्य में एक अलंकार जिसमें किसी दोष के साथ अच्छाई का या अच्छाई के साथ दोष का भी उल्लेख होता है। ७. एक प्रकार का गाना। वि० थोड़ा। | 
			
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				| लेशी (शिन्)					 : | वि० [सं० लिश्+णिनि] जिसमें किसी दूसरी चीज का लेश या सूक्ष्म अंश हो। | 
			
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				| लेशोक्त					 : | वि० [सं० लेश-उक्त, तृ० त०] संक्षेप में या संकेत रूप में कहा हुआ। | 
			
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				| लेश्या					 : | स्त्री० [सं० लिश्+ण्यत्+टाप्] जैनियों के अनुसार जीव की वह अवस्था जिसमें वह कर्मों से बँधती है। | 
			
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