शब्द का अर्थ
|
लोट :
|
स्त्री० [हिं० लोटना] १. लोटने की क्रिया या भाव। मुहावरा—लोट मारना या लगाना=लेटना। (किसी पर) लोट होना= (क) आसक्त या मोहित होना। (ख) विकल होना। २. जलाशय के किनारे पर का घाट। ३. बिजली। पुं०=नोट। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लोट-पटा :
|
पुं० [हिं० लोटना+पाटा] १. विवाह के समय पीढ़ा या स्थान बदलने की रीति। इससे वर के स्थान पर वधू को और वधू के स्थान पर वर को बैठाया जाता है। २. किसी को धोखा देने के लिए किया जानेवाला उलट-फेर या दाँव-पेंच। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लोट-पोट :
|
स्त्री० [हिं० लोटना] लेटे-लेटे करवटें बदलने या लोटने की क्रिया या भाव। वि० १. हँसते-हँसते अपने को संभाल न सकने के कारण लोट जानेवाला। २. बहुत अधिक प्रसन्न। ३. उलटा-पुलटा हुआ। विपर्यस्त। ४. छिन्न-भिन्न किया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लोटन :
|
वि० [हि० लोटना] १. लोटने अर्थात् जमीन पर उलटबाजी लगानेवाला। जैसे—लोटन कबूतर। २. लुढ़कनेवाला। स्त्री० १. लोटने की क्रिया या भाव। २. छोटी कंकड़ियाँ जो तेज हवा चलने पर इधर-उधर लुढ़कने लगती है। ३. कटीली झाड़ी। ४. एक प्रकार की सज्जी। पुं० एक तरह का कबूतर जो चोंच से पकड़कर जमीन पर लुढ़काये जाने पर लोटने लगता है। २. एक प्रकार का छोटा हल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लोटना :
|
अ० [हिं० लोट] १. थकावट आदि मिटाने के उद्देश्य से लेटे-लेटे पेट और पीठ के बल लुढ़कना या उलटे-पुलटे होते रहना। २. क्रोध, जिद, दुःख, शोक आदि के कारण उक्त प्रकार से पड़कर इधर-उधर होना। मुहावरा—लोट जाना=(क) मर जाना या मृतप्राय हो जाना। (ख) दिवालिया हो जाना। (किसी बात) पर लोटना=जिद करना। हठ करना। ३. अधिक प्रसन्नता के फलस्वरूप इधर-उधर गिरना पड़ना। जैसे—हँसते-हँसते लोट जाना। ४. किसी पर पूरी तरह से आसक्त होना। संयो० क्रि०—जाना। अ० [हिं० लोटना] मुकर जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लोटा :
|
पुं० [हिं० लोटना] [स्त्री० अल्पा० लुटिया] धातु का एक प्रकार का प्रसिद्ध गोलाकार बरतन जो पानी रखने के काम आता है। पद—बे पेंदी का लोटा=ऐसा व्यक्ति जिसका अपना कोई मत या सिद्धान्त नहीं होता, वरन् जो दूसरों की बातों पर इधर-उधर ढुलकता फिरता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लोटिया :
|
स्त्री०=लुटिया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लोटी :
|
स्त्री० [हिं० लोटा+ई (प्रत्यय)] १. लोटे के आकार का वह बरतन जिससे तामोली पान सींचते हैं। २. छोटा लोटा। लुटिया। स्त्री० [हिं० लूटना] १. लूटने की क्रिया या भाव। लूट। २. वह अवस्था जिसमें हर कोई किसी चीज पर लूटने के लिए झपटता हो। (पश्चिम) क्रि० प्र०—मचना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |