| शब्द का अर्थ | 
					
				| लोह					 : | पुं० [सं०√लू (छेदन)+ह (करण)] १. लोहा नामक धातु। २. रक्त। लहू। ३. लाल बकरा। ४. मछली फँसाने का काँटा। ५. हथियार। ६. अगर। वि० ताँबे के रंग का लाल। २. लोहे का बना हुआ। | 
			
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				| लोह-किट्ट					 : | पुं० [सं० ष० त०] लोह चून। (दे०) | 
			
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				| लोह-चून					 : | पुं० [सं० लोह+चूर्ण] १. लोहे की मैल जो गलाने पर निकलती है। लोह किट्ट। २. लोहे को काटने, रेतने आदि पर निकलने वाले उनके छोटे-छोटे कण। | 
			
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				| लोह-जाल					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] १. लोहे की बनी हुई जाली या जाल। २. योद्धाओं का पहनने का झिलम। ३. आज-कल बीच में खड़ा किया हुआ ऐसा आवरण या व्यवस्था जिसके कारण अन्दर की स्थिति आदि का बाहर वालों को पता न चल सके। (आयरन कर्टेन) | 
			
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				| लोह-नाल					 : | पुं० [सं० ब० स०] नाराच (अस्त्र)। | 
			
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				| लोह-पाश					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] लोहे की जंजीर या सिक्कड़। | 
			
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				| लोह-बंदा					 : | पुं० दे० ‘लोहाँगी’। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| लोह-लंगर					 : | पुं० [हिं० लोहा+लंगर] १. जहाज का लँगर। २. बहुत भारी वस्तु। | 
			
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				| लोह-शंकु					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. लोहे का काँटा। २. एक नरक। | 
			
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				| लोहकार					 : | पुं० [सं० लोह√कृ (करना)+अण्, उप० स०] लोहार। | 
			
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				| लोहँड़ा					 : | पुं० [सं० लीह-भांड] [स्त्री० लोहँड़ी] लोहे का एक प्रकार का बड़ा तसला। | 
			
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				| लोहड़ा					 : | पुं० =लोढ़ा। पुं०=लोहँड़ा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| लोहड़ी					 : | स्त्री० =लोढ़ी (त्यौहार)। | 
			
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				| लोहद्रावी (विन्)					 : | पुं० [सं० लोह√द्रु (गति)+णिच्+णिनि] १. सुहागा। २. अम्लबेंत। | 
			
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				| लोहबान					 : | पुं० =लोहबान। पुं० [हिं० लोहा] युद्ध। | 
			
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				| लोहस					 : | वि० [सं० लोह से] (द्रव्य) जिसमें लोहे का भी कुछ अंश या मेल हो। (फेरस) | 
			
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				| लोहसार					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. पक्का लोहा। फौलाद। २. फौलाद की जंजीर। | 
			
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				| लोहा					 : | पुं० [सं० लोह] १. प्रायः काले रंग की एक प्रसिद्ध धातु जिससे अनेक प्रकार के अस्त्र, उपकरण बरतन, यंत्र आदि बनाये जाते हैं। (आयरन)। पद—लोहे की स्याही, लोहे के चने (दे० स्वतंत्र पद)। २. उक्त धातु से बने हुए अस्त्र जो युद्ध में शत्रुओं को काटने-मारने के काम आते हैं। जैसे—कटार, तलवार भाला आदि। मुहावरा—लोहा गहना=किसी से लड़ने के लिए हथियार उठाना। लोहा बजना=तलवारों भालों आदि से युद्ध या लड़ाई होना। मार-काट होना। लोहा बरसना=युद्ध-क्षेत्र में अस्त्रों आदि का बहुत अधिकता से उपयोग होना। घमासान युद्ध होना। (किसी का) लोहा मानना=किसी काम या बात में किसी की योग्यता, शक्ति आदि की श्रेष्ठता अधिक योग्य या शक्तिशाली समझना। (किसी से) लोहा लेना= (क) किसी से डटकर मार-पीट युद्ध या लड़ाई करना। (ख) किसी के सामने उसके बल, योग्यता आदि का मुकाबला करना। टक्कर लेना। भिड़ना। लोहा सहना=लोहा लेना। (राज०)। ३. लोहे का बना हुआ कोई उपकरण। लोहे की चीज या सामान। जैसे—लोहे का रोजगार लोहे की दूकान। ४. लाल रंग का बैल। वि० [स्त्री० लोही] १. लाल। २. बहुत अधिक कठोर या कड़ा। | 
			
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				| लोहा-सारंग					 : | पुं० [हिं०] लगलग की जाति का एक प्रकार का पक्षी। | 
			
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				| लोहाँगी					 : | स्त्री० [हिं० लोहा+अंग+ई] ऐसी लाठी जिसके ऊपरी या निचले अथवा दोनों सिरों पर लोहा लगा हो। (इसका प्रयोग प्रायः मार-पीट के लिए होता है)। | 
			
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				| लोहाना					 : | अ० [हिं० लोहा+आना (प्रत्यय)] किसी चीज का अधिक समय तक लोहे का बरतन में रखे रहने के कारण लोहे के गुण, रंग स्वाद आदि से युक्त होना। पुं० वैश्यों की एक जाति। | 
			
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				| लोहार					 : | पुं० [सं० लौहकार] [स्त्री० लोहारिन या लोहाइन] एक जाति जो लोहे की चीजें बनाने का काम करती है। | 
			
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				| लोहारखाना					 : | पुं० [हिं० लोहार+फा० खानः] वह स्थान जहाँ बैठकर लोहार लोग लोहे की चीजें बनाते हैं। | 
			
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				| लोहारी					 : | स्त्री० [हिं० लोहार+ई (प्रत्यय)] लोहार अथवा लोहे की चीजें बनाने का काम या पेशा। | 
			
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				| लोहित					 : | वि० [सं०√रुह् (उगना)+इतन्, र—ललम्] १. लाल रंग का। लाल। २. ताँबे का बना हुआ। पुं० १. लाल रंग। २. लाल चंदन। ३. मंगल ग्रह। ४. साँप। ५. एक तरह का हिरन। ६. ब्रह्मपुत्र नदी। ७. पलक संबंधी एक रोग। ८. गौतम बुद्ध का एक नाम। | 
			
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				| लोहित-चंदन					 : | पुं० [सं० उपमित० स०] केसर। | 
			
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				| लोहित-मृत्तिका					 : | स्त्री० [सं० कर्म० स०] गेरू। | 
			
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				| लोहित-सागर					 : | पुं० [सं०] अफरीका और अरब के बीच का वह समुद्र जो पहले भू-मध्य सागर से पृथक् था, पर अब बीच में स्वेज नहर बन जाने से उक्त सागर के साथ संबंद्ध हो गया। (रेड सी) | 
			
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				| लोहितक					 : | पुं० [सं० लोहित+कन्] १. पद्मराग या लाल की तरह का एक प्रकार का घटिया रत्न। २. फूल नामक धातु। ३. आधुनिक रोहतक नगर का पुराना नाम। ४. दे० ‘लोहित’। | 
			
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				| लोहिताक्ष					 : | पुं० [सं० लोहित-अक्षि० ब० स०,+षच्] १. एक तरह का साँप। २. कोयल। ३. विष्णु। ४. काँख। कोख। ५. चूतड़। नितंब। | 
			
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				| लोहिताक्षक					 : | पुं० [सं०] एक तरह का साँप। | 
			
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				| लोहितांग					 : | पुं० [सं० लोहित-अंग, ब० स०] १. मंगल ग्रह। २. कांपिल्ल वृक्ष। | 
			
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				| लोहिताश्व					 : | पुं० [सं० लोहित-अश्व, ब० स०] १. अग्नि। २. शिव। | 
			
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				| लोहितिमा (मन्)					 : | स्त्री० [सं० लोहित+इमनिच्] रंग के विचार से लोहित होने की अवस्था या भाव। लालिमा। लाली। | 
			
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				| लोहितोद					 : | पुं० [सं० लोहित-उदक, ब० स० उदादेश] एक नरक। (पुरा०) | 
			
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				| लोहित्य					 : | पुं० [सं०] १. ब्रह्मपुत्र नदी। २. पुराणानुसार एक समुद्र जो कुश द्वीप के पास है। ३. एक प्राचीन जनपद या बस्ती। | 
			
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				| लोहिनी					 : | स्त्री० [सं० लोहित+ङीष्, न—आदेश] लाल वर्णवाली स्त्री। | 
			
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				| लोहिया					 : | वि० [हिं० लोहा+इया (प्रत्यय)] १. लोहे का बना हुआ। २. लाल रंग का। जैसे—लोहिया घोड़ा। पुं० १. लोहे की चीजों का व्यापार करनेवाला व्यक्ति। लोहे का रोजगारी। २. राजस्थानी वैश्यों की एक जाति। ४. लाल रंग का बैल। | 
			
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				| लोही					 : | वि० [सं० लोहिन्] [स्त्री० लोहिनी] लाल रंग का सुर्ख। स्त्री० [सं० लोह] प्रभात के समय की लाली। मुहावरा—लोही फटना=प्रभात के समय सूर्य कि किरणों की लाली दिखाई देना। पौ फटना। स्त्री० १. =लोई (चुगली)। २. =लोई (ऊनी चादर)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| लोहू					 : | पुं० =लहू (रक्त)। | 
			
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				| लोहे की स्याही					 : | स्त्री० [हिं०] एक प्रकार का काला रंग जो शीरे में लोह-चून का खमीर उठाकर बनाई जाती और कपड़ों की छपाई, रँगाई आदि में काम आती है। | 
			
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				| लोहे के चने					 : | पुं० [हिं०] बहुत ही कठिन, दुष्कर तथा श्रम-साध्य काम। मुहावरा—लोहे के चने चबाना=उतना ही दुस्साध्य तथा लगभग असंभव कार्य करना जितना लोहे के चने चबाना होता है। | 
			
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				| लोहोत्तम					 : | पुं० [सं० लोह-उत्तम, स० त०] सोना। | 
			
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				| लोह्य					 : | पुं० [सं०] पीतल। | 
			
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