शब्द का अर्थ
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अखंड :
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वि० [सं० न० ब०] १. जिसके खंड या टुकड़े न हुए हो अथवा न हो सकते हों। फलतः पूरा या समूचा। जैसे—अखंड भारत। २. जिसका क्रम बीच में न टूटे। निरंतर चलनेवाला जैसे—अखंड पाठ। ३. जिसके बीच या मार्ग में कोई बाधा या विघ्न न हो। निर्विघ्न। बे-रोक-टोक। ४. जिसका खंडन न हो सके। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अखंड-द्वादशी :
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स्त्री० [कर्म० स०] अगहन-शुक्ल द्वादशी। (पर्व) |
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समानार्थी शब्द-
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अखंडन :
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पुं० [सं० न० त०] १. खंडन का अभाव। खंडन न होना। २. स्वीकार। ३. परमात्मा। ४. काल। वि० [सं० न० ब०] १. जिसका खंडन न हुआ हो। अखंडित। २. जिसका खंडन न हो सके। अखंडनीय। ३. पूरा। समूचा। |
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समानार्थी शब्द-
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अखंडनीय :
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वि० [सं० न० त०] १. (पदार्थ) जिसके खंड या टुकड़े न हो सकें। २. (मत या सिद्वान्त) जिसका खंडन न हो सके। जिसे अन्यथा सिद्ध न किया जा सके। |
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समानार्थी शब्द-
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अखंडल :
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वि० [सं० अखण्ड] १. अखंड। २. पूरा। समूच। पुं० [सं० अखंडल] इन्द्र। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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अखंडित :
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वि० [सं० न० त०] १. जिसके खंड या टुकड़े न हों। जो खंडित न हुआ हो। २. पूरा। समूचा। ३. जिसका क्रम बीच में न टूटा हो। लगातार चलता रहनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
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