शब्द का अर्थ
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अनाश :
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वि० [सं० न-आशा, न० ब०] १. जिसे आशा न हो। २. जिसका नाश न हुआ हो। पुं० [सं० न-नाश, न० त०] नाश का अभाव। |
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समानार्थी शब्द-
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अनाशक :
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वि० [न० त०] जो नाशक न हो। वि० [सं० आ√अश् (खाना)+घञ्, न० ब० कप्] आमरण अनशन करनेवाला। |
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अनाशकायन :
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पुं० [सं० अनाशक (=आत्मा)-अयन (=प्राप्त्युपाय) ष०त०] उपावस युक्त ब्रह्मचर्य व्रत। |
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अनाशस्त :
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वि० [सं० आ√शंश् (स्तुति)+क्त, न० त०] जिसकी आशंसा या प्रशंसा न की गई हो। |
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अनाशा :
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स्त्री० [सं० न-आशा, न० त०] आशा का अभाव। नैराश्य। |
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अनाशी शिन् :
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वि० [सं०√नश्, (नष्ट होना) +णिनि, न० त०] नाश से रहित। अनश्वर। (आत्मा, ब्रह्म आदि) |
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अनाशु :
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वि० [सं०√नश्+उण्, न० त०] १. नाशरहित। २. [√अश् (व्याप्ति)+उण् न० त०] जो व्यापक न हो। ३. जो तेज न हो। मंद। सुस्त। |
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अनाश्य :
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वि० [सं०√नश्ण्यत्, न० त०]=अविनश्वर |
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अनाश्रमी (मिन्) :
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वि० [सं० न-आश्रमिन् न० त०] १. जिसका कोई आश्रय न हो। २. गार्हस्थ्य आदि चारों आश्रमों से रहित या अलग। ३. वर्णाश्रम धर्म से भ्रष्ट। पतित। |
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अनाश्रय :
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वि० [सं० न-आश्रय, न० ब०] आश्रयहीन। बे-साहार। पुं० [न० त०] आश्रय का अभाव। |
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अनाश्रित :
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वि० [सं० न-आश्रित, न० त०] १. जिसे किसी का आश्रय न हो। आश्रय-रहित। बे-सहारा। २. जो दूसरों पर आश्रित न हो। स्वाधीन। ३. जो अधिकार रहते भी ब्रह्मचर्य आदि आश्रमों से वंचित हो। |
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