शब्द का अर्थ
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अपमान :
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पुं० [सं० अप√मा (शब्द, मान)+ल्युट्-अन] १. अभिमान और उद्दंडतापूर्वक किया जानेवाला वह काम या कही जानेवाली वह बात जिससे अपनी या किसी की प्रतिष्ठा या सम्मान कम होता हो अथवा वह उपेक्ष्य या तुच्छ ठहरता हो। किसी का आदर या इज्जत घटानेवाला काम या बात। (डिसग्रेस, इंसल्ट) २. तिरस्कार। ३. दुत्कार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अपमान-लेख :
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पुं० [ष० त०] ऐसा लेख या वक्तव्य जिससे किसी का अपमान होता हो। (लाइबुल्) |
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अपमानकारी (रिन्) :
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वि० [सं० अपमान√कृ (करना)+णिनि] जिससे अपमान हो। अपमान करनेवाला। |
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अपमानजनक :
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वि० [सं० ष० त०] (काम या बात) जिसके फलस्वरूप अपमान होता हो। |
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अपमानना :
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स० [सं० अपमान] किसी का अपमान करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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अपमानिक :
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वि० [सं० अपमान+ठन्-इक] अपमान-सूचक (शब्द या बात)। |
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अपमानित :
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भू० कृ० [सं० अपमान+इतच्] जिसका अपमान किया गया हो। |
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अपमानी (निन्) :
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वि० [सं० अप√मन् (जानना)+णिनि] अपमान करनेवाला। |
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अपमान्य :
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वि० [सं० प्रा० स०] १. जिसका अपमान किया जा सकता हो या करना उचित हो। अपमानित होने के योग्य। २. निंदनीय। |
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