शब्द का अर्थ
|
अभिधा :
|
स्त्री० [सं० अभि√धा (धारणा)+अङ्-टाप्] [वि० अभिहित] १. कहने, पुकारने, उल्लेख आदि करने की क्रिया या भाव। २. नाम। संज्ञा। ३. शब्द। ४. साहित्य में, शब्दों की वह शक्ति जिससे उनके वाच्यार्थ अर्थात् नियत, प्रचलित और मुख्य अर्थ का ज्ञान या बोध होता है। (कोई शब्द सुनते ही उसके अर्थ का जो बोध होता है, वह इसी शक्ति के द्वारा होता है)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अभिधान :
|
पुं० [सं० अभि√धा+ल्युट्-अन] १. नाम। २. उपाधि। ३. उक्ति। कथन। ४. किसी पद का विशेष संज्ञा या नाम। (डेजिगनेशन) जैसे—मंत्री, सचिव, निरीक्षक, आचार्य आदि। ५. दे० ‘नाम कोश’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अभिधानमाला :
|
स्त्री० [ष० त०] =नाम कोश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अभिधायक :
|
वि० [सं० अभि√धा+ण्वुल्-अक, युक्] १. अभिधा निश्चित करने या नाम रखनेवाला। २. कहने, बताने या समझानेवाला। ३. परिचायक। सूचक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अभिधावक :
|
वि० [सं० अभि-धाव् (गति)+ण्वुल्-अक] धावा या आक्रमण करनेवाला। आक्रामक। (एग्रेसर) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अभिधावन :
|
पुं० [सं० अभि√धाव्+ल्युट्-अन] १. आक्रमण या धावा करने के लिए आगे बढ़ना। चढ़ दौड़ना। २. जान-बूझकर कोई ऐसा काम करना जिससे किसी निर्दोष या अनाक्रमक को कोई कष्ट पहुँचे या उसकी कोई हानि हो। (एग्रेशन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |