शब्द का अर्थ
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अल्प :
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वि० [सं०√अल् (भूषण, पर्याप्ति, वारण)+प] [भाव० अल्पता, अलपत्व] १. जो मान, मात्रा आदि के विचार से प्रथम स्तर से कम या थोड़ा हो। जैसे—अल्प-मत, अल्प- व्यस्क, अल्प-संख्यक आदि। २. छोटा। ३. तुच्छ। ४. मरमाशील। ५. विरक्त। पुं० साहित्य में, एक अलंकार जिसमें आधेय की अपेक्षा आधार को अल्प या सूक्ष्म बतलाया जाता है। जैसे—अँगुरी की मुंदरी हुती, भुज में करत विहार। |
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अल्प-तंत्र :
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पुं० [ष० त०] १. ऐसा तंत्र या शासन जो समाज के थोड़े से लोगों के द्वारा संचालित होता हो। लोक-तंत्र का विपरीत शासन। २. दे० कुल-तंत्र। (शासन प्रणाली)। |
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अल्प-तनु :
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वि० [ब० स०] जो आकार, परिणाम, स्वरूप आदि की दृष्टि से अल्प छोटा या दुबला-पतला हो। पुं० ठिगना या नाटा व्यक्ति। |
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अल्प-दर्शन :
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पुं० [कर्म० स०] १. बहुत छोटे या निम्न स्तर के विचार रखना। अधिक दूर का परिणाम या फल न देखना। |
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अल्प-दृष्टि :
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पुं० [ब० स०] १. वह जिसके विचार बहतु ही संकीर्ण या संकुचित हों। २. अदूरदर्शी। |
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अल्प-धी :
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वि० [ब० स०] १. जिसे बहतु कम बुद्धि या विवेक हो। २. मूर्ख। |
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अल्प-पद्य :
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पुं० [कर्म० स०] लाल कमल। |
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अल्प-प्राण :
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पुं० [ब० स०] १. वह वर्ण जिसके उच्चारण में प्राणवायु का अल्प संचार हो। महाप्राण का विपर्याय। नामगरी वर्णमाला में प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा तथा पाँचवा अक्षर और य, र, ल, तथा व अक्षर अल्पप्राण हैं। वि० १. जिसमें प्राण या जीवनी शक्ति बहतु कम हो। २. अल्पजीवी। |
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अल्प-भाषी (षिन्) :
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वि० [सं० अल्प√भाष् (बोलना)+णिनि] १. कम बोलनेवाला। २. आवश्यकता से अधिक न बोलनेवाला। ३. बहुत थोड़े शब्दों में कहनेवाला। |
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अल्प-मत :
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पुं० [ष० त०] १. वह मत जिसके अनुयायी या समर्थक बहुत कम हों। २. बहुत कम लोगों द्वारा प्रकट किया गया मत। ‘बहु-मत’ का विपर्याय। |
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अल्प-मेधा (धस्) :
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[ब० स०] =अल्प-धी। |
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अल्प-वयस्क :
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पुं० [ब० स० कप्] १. जिसकी अवस्था अभी कम या थोड़ी हों। थोड़ी उम्र का। २. जो अभी वयस्क न हुआ हो। अवयस्क। |
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अल्प-विराम :
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पुं० [कर्म० स०] एक विराम चिन्ह जो वाक्य के पदों में पार्थक्य दिखलाने के लिए अथवा बोलने में कुछ विराम सूचित करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। (काँमा) इसका रूप यह है—,। |
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अल्प-संख्यक :
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वि० [ब० स०कप्] जो गिनती या संख्या में कम या थोडे हों। पुं० १. वह दल, पक्ष या समाज जिसके अनुयायियों की संख्या अन्य दलों, पक्षों या समाजों की तुलना में कम हो। २. उक्त दल या पक्ष का अनुयायी अथवा प्रतिनिधि। |
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अल्प-संधि :
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स्त्री० [कर्म० स०] =विराम-संधि। |
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अल्पक :
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वि० [सं० अल्प+कन्] १. जो बहुत ही छोटा या सूक्ष्म हो। २. कम से कम जितना आवश्यक हो, उतना। (मिनिमम्) पुं० १. वह अक्षर या शब्द जो किसी वस्तु के छोटे रूप का वाचक हो। अल्पार्थक। (डिम्यूनिटिव) जैसे—‘खाट’ का अल्पक ‘खटिया’ और ‘लोटा’ का अल्पक ‘लुटिया’ होता है। २. जवासा। |
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अल्पकालिक :
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वि० [सं० अल्प काल, कर्म० स०+ठन्-इक] १. जिसका अस्तित्व अल्प काल या थोड़े समय हो अथवा जो थोड़े समय तक रहे। थोड़े दिनों तक रहनेवाला। (शार्ट-लिव्ड) २. (अनुबंध या निश्चय) जो थोड़े दिनों के लिए हो या थोड़े दिन चले। जैसे—अल्प-कालिक ऋण या सहायता। |
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अल्पकालीन :
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वि० [सं० अल्पकाल+ख-ईन] अल्पकालिक। |
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अल्पजीवी (दिन्) :
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वि० [सं० अल्प√जीव् (जीना)+णिनि] सामान्यतः बहुत थोड़े दिनों तक जीवित रहनेवाला। अल्पायु। (शार्ट-लिव्ड) |
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अल्पज्ञ :
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वि० [सं० अल्प√ज्ञा (जानना)+क] [भाव० अल्पज्ञता] १. जिसे बहुत कम या थोड़ा ज्ञान हो। २. जो अच्छा जानकार न हो। ३. कम-समझ। |
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अल्पज्ञता :
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स्त्री० [अल्पज्ञ+तल्-टाप्] अल्पज्ञ होने की अवस्था या भाव। जानकारी की कमी। |
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अल्पता :
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स्त्री० [सं० अल्प+तल्-टाप्] १. कमी। अल्प होने की अवस्था या भाव। २. न्यूनता। कमी। ३. छोटाई। लघुता। |
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अल्पत्व :
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पुं० [सं० अल्प+त्व] =अल्पता। |
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अल्पमत :
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वि० [सं० अल्प+तमप्] जो अंश, परिणाम, मान, मात्रा आदि के विचार से सबसे अल्प, कम या थोड़ा हो। (मिनिमम्) |
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अल्पशः :
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क्रि० वि० [अल्प+शस्] १. थोड़ा-थोड़ा करके। २. कम से कम। क्रमशः। ३. धीरे-धीरे। |
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अल्पाक्षरिक :
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वि० [सं० अल्प-अक्षर, कर्म० स० अल्पाक्षर+ठन्-इक] १. जिसमें बहुत कम या थोड़े से अधिक हों। २. (कथन या वाक्य) जो इतने थोड़े शब्दों में कहा गया हो कि उसका ठीक और पूरा आशय सहज में न समझा जा सके। (लैकोनिक) |
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अल्पायु (स्) :
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[अल्प-आयुस्, ब० स०] जिसकी आयु बहुत कम हो। बहुत थोड़े दिनों तक जीवित रहनेवाला। (शार्ट लिव्ड) पुं० बकरा। |
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अल्पारंभ :
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पुं० [अल्प-आरंभ, कर्म० स०] किसी बड़े कार्य का ऐसा आरंभ जो छोटे रूप में हो। वि० [ब० स०] (काम) जो आरंभ में बहुत छोटे या हलके रूप में छेड़ा गया हो। |
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अल्पार्थक :
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पुं० [अल्प-अर्थ, ब० स० कप्] दे० ‘अल्पक’। |
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अल्पांश :
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पुं० [सं० अल्प-अंश, कर्म० स०] १. किसी वस्तु का बहुत कम या थोड़ा सा अँश। अल्प-भाग। २. किसी वर्ग, समूह, समुदाय या समाज का कुछ या आधे से बहुत कम अंश या भाग। (माइनाँरिटी) जैसे—आज-कल समाज का कदाचित अल्पांश ही संतुष्ट, संपन्न या सुखी होगा। |
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अल्पाहार :
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पुं० [अल्प-आहार, कर्म० स०] उचित या साधारण से बहुत कम खाना। थोड़ा भोजन। |
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अल्पाहारी (रिन्) :
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वि० [सं० अल्पाहार+इनि] कम, थोड़ा या संयत आहार अथवा भोजन करनेवाला। |
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अल्पित :
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भू० कृ० [सं० अल्प+णिच्+क्त] जिसे कम, थोड़ा या छोटा किया गया हो। अल्प रूप में लाया या घटाया हुआ। |
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अल्पिष्ठ :
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वि० [सं० अल्प+इष्ठन्] १. जितना थोड़ा हो सकता हो, उतना ही। कम से कम। २. बहुत ही कम। |
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अल्पीकरण :
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पुं० [सं० अल्प+च्वि, ईत्व√कृ (करना)+ल्युट्-अन] कम करने या घटाने की क्रिया या भाव। |
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