शब्द का अर्थ
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उघटा :
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वि० [हिं० उघटना] १. दबी या भूली हुई बातें कहकर भेद या रहस्य खोलनेवाला। २. अपने उपकारों या भलाइयों और दूसरे के अपकारों या बुराइयों की चर्चा करनेवाला अथवा ऐसी चर्चा करके ताना देते हुए दूसरे को नीचा दिखानेवाला। पुं० उघटने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उघटा :
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वि० [हिं० उघटना] १. दबी या भूली हुई बातें कहकर भेद या रहस्य खोलनेवाला। २. अपने उपकारों या भलाइयों और दूसरे के अपकारों या बुराइयों की चर्चा करनेवाला अथवा ऐसी चर्चा करके ताना देते हुए दूसरे को नीचा दिखानेवाला। पुं० उघटने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उघटा-पुराण :
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पुं० [हिं० उघटा+सं० पुराण] आपस में एक दोनों के पुराने दोषों और अपने किए हुए पुराने उपकारों का बार-बार अथवा विस्तारपूर्वक किया जाने वाला उल्लेख या कथन। (दूसरे को ताना देते हुए नीचा दिखाने के लिए)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उघटा-पुराण :
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पुं० [हिं० उघटा+सं० पुराण] आपस में एक दोनों के पुराने दोषों और अपने किए हुए पुराने उपकारों का बार-बार अथवा विस्तारपूर्वक किया जाने वाला उल्लेख या कथन। (दूसरे को ताना देते हुए नीचा दिखाने के लिए)। |
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समानार्थी शब्द-
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