शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					उपाड़					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उपड़ना=उभरना] एक प्रकार का रोग जिसमें शरीर की खाल कुछ अलग होने लगती है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपाड़					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० उपड़ना=उभरना] एक प्रकार का रोग जिसमें शरीर की खाल कुछ अलग होने लगती है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपाड़ना					 :
				 | 
				
					स० [सं० उत्पाटन] जड़ से उखाड़ना। स० [सं० उत+पठन ?] १. उच्चारण करना। २. पढ़ना। ३. अर्थ या भाव निकालना या समझना। स० उभारना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपाड़ना					 :
				 | 
				
					स० [सं० उत्पाटन] जड़ से उखाड़ना। स० [सं० उत+पठन ?] १. उच्चारण करना। २. पढ़ना। ३. अर्थ या भाव निकालना या समझना। स० उभारना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |