शब्द का अर्थ
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उर्वी :
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वि० [सं०√ऊर्णु(आच्छादन करना)+कु, नलोप, ह्रस्व, ङीष्] १. विस्तृत। २. सपाट। स्त्री० १. विस्तृत क्षेत्र या तल। २. भूमि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वी :
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वि० [सं०√ऊर्णु(आच्छादन करना)+कु, नलोप, ह्रस्व, ङीष्] १. विस्तृत। २. सपाट। स्त्री० १. विस्तृत क्षेत्र या तल। २. भूमि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वी-धर :
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पुं० [सं० त० स०] १. वह जिसने पृथ्वी को धारण किया हो, अर्थात् शेषनाग। २. पर्वत। पहाड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वी-धर :
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पुं० [सं० त० स०] १. वह जिसने पृथ्वी को धारण किया हो, अर्थात् शेषनाग। २. पर्वत। पहाड़। |
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समानार्थी शब्द-
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उर्वी-पति :
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पुं० [ष० त० स०] पृथ्वी का स्वामी अर्थात् राजा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वी-पति :
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पुं० [ष० त० स०] पृथ्वी का स्वामी अर्थात् राजा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वी-रुह :
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पुं० [सं० उर्वी√रूह् (उगना)+क] पेड़-पौधे। |
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समानार्थी शब्द-
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उर्वी-रुह :
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पुं० [सं० उर्वी√रूह् (उगना)+क] पेड़-पौधे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वीजा :
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वि० स्त्री० [सं० उर्वी√जन् (उत्पन्न करना)+ड-टाप्] जो पृथ्वी से उपजा हो। जिसका जन्म पृथ्वी से हुआ हो। स्त्री०=सीता। |
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समानार्थी शब्द-
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उर्वीजा :
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वि० स्त्री० [सं० उर्वी√जन् (उत्पन्न करना)+ड-टाप्] जो पृथ्वी से उपजा हो। जिसका जन्म पृथ्वी से हुआ हो। स्त्री०=सीता। |
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समानार्थी शब्द-
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उर्वीश :
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पुं० [उर्वी-ईश,ष०त०] =उर्वी-पति। |
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पुं० [उर्वी-ईश,ष०त०] =उर्वी-पति। |
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