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शब्द का अर्थ
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जंजीर :
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स्त्री० [फा०] १. धातु की बहुत-सी कड़ियों को एक दूसरे में पहनाकर बनाई जानेवाली लड़ी। सांकल। २. साँकल की तरह का बना हुआ गले में पहनने का एक आभूषण। सिकड़ी। ३. कैदियों के पावों में बाँधी जानेवाली लोहे की श्रृंखला। ४. किवाड़े के पल्ले बंद करने की सिकड़ी। साँकल। ५. लाक्षणिक अर्थ में, वह बात जो आगे-पीछे की घटनाओं को जोड़ती या मिलाती है। श्रृंखला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जंजीरा :
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पुं० [हिं० जंजीर] १. कसीदे के काम में, कपड़े आदि पर काढ़ी या निकाली हुई जंजीर की बनावट। लहरया। २. लहरियेदार कपड़ा। उदाहरण–जनि बाँधों जंजीरें की पाग नजर तोहें लगि जायगी।–गीत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जंजीरी :
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वि० [हिं० जंजीर] १. गले में पहनने की सिकड़ी। २. हथेली के पिछले भाग पर पहना जानेवाला एक प्रकार का गहना। वि० जिसमें जंजीर या सिकड़ी लगी हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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