शब्द का अर्थ
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जंबू :
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पुं० [सं० जंबु+ऊङ]=जंबु। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जंबू-खंड :
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पुं० [मध्य० स०] जंबूद्वीप। |
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जंबू-दीप :
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पुं०=जंबूद्वीप। |
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जंबू-द्वीप :
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पुं० [मध्य० स०] पुराणानुसार सात द्वीपों में से एक जिसमें भारतवर्ष की भी स्थिति मानी गई है। |
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जंबू-नदी :
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स्त्री० [मध्य० स०] ब्रह्म लोक से निकली हुई सात नदियों में से एक जिसके संबंध में यह कहा जाता है कि यह जामुन के पेड़ों से चूने वाले जामुनों के रस से निकलती है। |
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जंबू-प्रस्थ :
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पुं० [ब० स०] वाल्मिकी रामायण के अनुसार एक नगर का नाम। |
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जंबू-वनज :
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पुं० [जंबू-वन मध्य० स०, जंबूवन√जन (उत्पत्ति)+ड] श्वेत जपापुष्प। सफेद गुड़हुल का फूल। |
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जंबूका :
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स्त्री० [सं० जंबू√(प्रतीत होना)+क-टाप्] किशमिश। |
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ज़बून :
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वि० [तु०] १. खराब। बुरा। २. निकृष्ट। निकम्मा। |
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जंबूनद :
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पुं०=जंबू-नदी। |
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जंबूर :
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पुं० [अ० जन बूर] १. बर्रे। भिड़। २. शहद की मक्खी। ३. पुरानी चाल की एक तोप। पुं०=जंबूरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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जंबूरक :
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स्त्री० [फा० जंबूर] १. एक प्रकार की छोटी तोप। २. तोप रखने की गाड़ी। ३. भँवर कली। |
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जंबूरखाना :
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पुं० [अ० जनबूर+फा० खानः] भिड़ या शहद की मक्खियों का छत्ता। |
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जंबूरची :
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पुं० [अ० जंबूर+फा० ची (प्रत्य०] १. तोपची। २. सिपाही। |
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जंबूरा :
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पुं० [फा० जंबूर] १. एक प्रकार की छोटी तोप। २. तोप लादने की गाड़ी। ३. भँवर कली(दे०) ४. सँड़सी या चिमटी की तरह का एक उपकरण जिससे कारीगर चीजों को ऐंठते, दबाते या घुमाते हैं। ५. मस्तूल पर आड़ा बँधा रहनेवाला डंडा। |
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जंबूरी :
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स्त्री० [फा०] एक प्रकार का जालीदार कपड़ा। |
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जंबूल :
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पुं० [सं० जंबू√ला (लेना)+क] १. जामुन का वृक्ष और उसका फल। २. केवड़ा। |
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