शब्द का अर्थ
|
तंद्रा :
|
स्त्री० [सं०√तंन्द्र (अवसाद)+अ-टाप्] १. हलकी नींद। २. दुर्बलता, रोग, विष आदि के प्रभाव के कारण होनेवाली वह स्थिति जिसमें मनुष्य या पशु-पक्षी को हलकी नींद सी आ जाती है और वह प्रायः निश्चेतन अवस्था में कुछ समय तक पड़ा रहता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तंद्राल :
|
वि० [सं०] १. जो तंद्रा में पड़ा हुआ हो। २=चंद्रालु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तंद्रालस :
|
पुं० [सं० तंद्रा-आलस्य] वह आलस्य या शिथिलता जो तंद्रा के फलस्वरूप होती है। उदाहरण–-निस्तब्ध मौन था अखिल लोपक तंद्रालस की वह विजन प्रान्त।–प्रसाद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तंद्रालु :
|
वि० [सं० तत्√द्रा (निन्दित गति)+आलुच्] जिसे तंद्रा आ रही हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |