शब्द का अर्थ
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तनू :
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पुं० [सं०√तन् (विस्तार)+ऊ] १. शरीर। २. व्यक्ति। ३. शरीर का कोई अवयव। ४. पुत्र। बेटा। ५. प्रजापति। स्त्री० गाय। गौ। |
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समानार्थी शब्द-
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तनू-पान :
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पुं० [ष० त०] अंगरक्षक। |
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तनू-पृष्ठ :
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पुं० [ब० स०] एक तरह का सोमयज्ञ जिसमें सोमपान किया जाता था। |
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तनूकरण :
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पुं० [सं० तनु+च्वि, दीर्घ√कृ+ल्युट-अन] [भू० कृ० तनूकृत] किसी चीज को जल में घोलकर या मिलाकर उसकी घनता, तीव्रता आदि कम करना। (डाइल्यूशन)। |
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तनूज :
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वि० [सं० तनू√जन् (पैदा होना)+ड] [स्त्री० तनूजा] तन से उत्पन्न। शरीर से उद्भूत। पुं० १. बेटा। पुत्र। २. पंख। पर। |
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तनूजा :
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स्त्री० [सं० तनूज+टाप्] बेटी। पुत्री।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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तनूताप :
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पुं०=तनुताप। |
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तनूनप :
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पुं० [सं० तनु-ऊन, ष० त० तनून√पा (रक्षा)+क] घी। घृत। |
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तनूनपात्, तनूनपाद् :
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पुं० [सं० तनून√पत् (गिरना)+णिच्+क्विप्] १. चीते का वृक्ष। चीता। चित्रक। २. अग्नि। आग। ३. घी। घृत। ४. नवनीत। मक्खन। |
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तनूपा :
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पुं० [सं० तनू√पा+क्विप्] जठराग्नि। |
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तनूर :
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पुं०=तंदूर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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तनूरूह :
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पुं० [सं० तनू√रुह(उगना)+क]=तनुरुह। |
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