शब्द का अर्थ
|
तरप :
|
स्त्री०=तड़प।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरपट :
|
वि० [हिं० तिरपट ?] (चारपाई) जिसमें टेढ़ापन हों। जिसमें कनेव पड़ी हो। पुं० १. टेढ़ापन। २. अंतर। भेद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरपत :
|
पुं० [सं० तृप्ति] १. सुभीता। २. आराम। चैन। सुख।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरपन :
|
पुं०=तर्पण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरपना :
|
अ०=तड़पना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरपरिया :
|
वि० [हिं० तर-पर] १. क्रम या स्थिति के विचार से ऊपर और नीचे का। २. जो एक के बाद दूसरे के क्रम से हो। जो क्रम के विचार से दूसरे से ठीक बाद पड़ता हो। ३.(बच्चे) जो ठीक आगे-पीछे के क्रम से एक के बाद हुए हों। जैसे–तर-परिया भाई-बहन |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरपीला :
|
वि० [हिं० तड़प+ईला(प्रत्यय)] तड़पदार। चमकीला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरपू :
|
पुं० [देश०] एक तरह का वृक्ष जिसकी लकड़ी कुछ भूरे रंग की होती और इमारत के काम आती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |