शब्द का अर्थ
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तर्क :
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पुं० [सं०√तर्क (अनुमान)+अच्] १. कोई बात जानने या समझाने के लिए किया जानेवाला प्रयत्न। २. किसी तथ्य, धारणा, विचार, विश्वास आदि की सत्यता जाँचने के लिए अथवा उसके समर्थन या विरोध में कही हुई कोई तथ्यपूर्ण युक्ति-संगत तथा सुविचारित बात। दलील। (आर्ग्यूमेन्ट) ३. कोई चमत्कारक कथन या बात। व्यंग्यपूर्ण बात ४. ताना। ५. बहस। पुं० [अ०] छोड़ने या त्यागने की क्रिया या भाव। जैसे–उन्होने यह ख्याल तर्क दिया है। |
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तर्क-मुद्रा :
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स्त्री० [मध्य० स] १. तांत्रिक उपासना में एक प्रकार की शारीरिक मुद्रा। |
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तर्क-वितर्क :
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पुं० [द्व० स०] १. यह सोचना कि यह बात होगी या वह। ऊहा-पोह। २. दो पक्षों में परस्पर एक दूसरे द्वारा प्रस्तुत की हुई सुविचारित बातों का किया जानेवाला खंडन या विरोध और अपनी बातों का किया जानेवाला समर्थन। ३. वाद-विवाद बहस। |
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तर्क-शास्त्र :
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पुं० [मध्य० स] १. वह विद्या या शास्त्र जिसमें किसी के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों आदि के खंडन मंडन करने की पद्धतियों का विवेचन होता है (लाजिक) २. दे० ‘न्याय शास्त्र’। |
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तर्क-संगत :
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वि० [तृ० त०] १. (बात) जो तर्क के आधार पर ठीक बैठे या सिद्ध हो। २. (मत) तर्क-वितर्क करने पर उसके परिणाम के रूप में निकनले या ठीक सिद्ध होनेवाला। (लाँजिकल)। ३. युक्ति-युक्त। |
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तर्क-सिद्ध :
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वि० [तृ० त०] जो तर्क की दृष्टि से बिलकुल ठीक या प्रमाणित हो। |
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तर्कक :
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वि० [सं०√तर्क+णिच्+ण्वुल्-अक] १. तर्क करनेवाला। २. [तर्क√कै (प्रकाश)+क] माँगने वाला। याचक। |
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तर्कण :
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पुं० [सं०√तर्क+णिच्+युच्-अन, टाप्] १. किसी बात या विषय के सब अंगो पर किया जानेवाला विचार। विवेचन। २. किसी पक्ष या विचार के समर्थन में उपस्थित की जानेवाली युक्ति। दलील। |
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तर्कना :
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स्त्री०=तर्कणा। अ०=तरकना। |
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तर्कश :
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पुं०=तरकश। |
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तर्कस :
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पुं० [स्त्री० अल्पा० तर्कशी]=तरकश। |
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तर्काभास :
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पुं० [तर्क-आभास, ष० त०] ऐसा तर्क जो ऊपर से देखने में ठीक सा जान पड़ता हो परन्तु जो वास्तव में ठीक न हो। |
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तर्कारी :
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स्त्री० [सं० तर्क√ऋ (गति)+अण्-ङीष्] जिस पर तर्क किया गया हो। |
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तर्किल :
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पुं० [सं०√तर्क+इलच्] चकवँड। पँवार। |
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तर्की(किन्) :
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पुं० [सं०√तर्क+णिनि] [स्त्री० तर्किनी] वह जो प्रायः तर्क करता रहता हो। स्त्री०=टरकी (पक्षी)। |
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तर्कीब :
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स्त्री=तरकीब। |
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तर्कु :
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पुं० [सं०√कृत् (काटना)+उ, नि० सिद्धि] सूत काटने का तकला। टेकुआ। |
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तर्कु-पिंड :
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पुं० [मध्य० स०] तकले की फिरकी। |
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तर्कुक :
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वि० [सं० तर्कु+कन्] प्रार्थना या निवेदन करनेवाला। पुं० १. प्रार्थी। २. अभियोग उपस्थिति करनेवाला। मुद्दई। वादी। |
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तर्कुटी :
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स्त्री० [सं०√तर्क+डटन्-ङीष्] छोटा तकला। |
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तर्कुल :
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पुं० [हिं० ताड़+कुल] १. ताड का पेड़। २. ताड़ का फल। |
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तर्क्य :
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वि० [सं०√तर्क+ण्यत्] १. जिसके संबंध में तर्क किया जा सके। २. विचारणीय। |
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तर्क्षु :
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पुं० [सं०=तरक्षु पृषो० सिद्धि] लकड़बग्घा। |
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तर्क्ष्य :
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पुं० [सं०√तर्क (गति)+ण्यत्, बा० गुण] जवाखार। |
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