शब्द का अर्थ
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ताब :
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स्त्री० [सं० ताप से फा०] १. ताप। गरमी। २. चमक। दीप्ति। जैसे–मोती या हीरे की ताब। ३. शक्ति। सामर्थ्य। जैसे–अब उनमें उठने-बैठने की भी ताब नहीं है। ४. कष्ट, दुःख आदि सहने की शक्ति। ५. विरोध, सामना आदि करने की शक्ति। मजाल। जैसे–किसी की क्या ताब है जो तुम्हारी तरफ आँख उठाकर भी देखें। मुहावरा–(किसी काम या बात की) ताब लाना-सहने या सामना करने का साहस करना। |
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ताबड़-तोड़ :
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अव्य० [हिं० ताब+तोड़ना] कोई घटना या बात होने पर उसके प्रतिकार, समर्थन आदि के उद्देश्य से तत्काल। तुरंत। |
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ताबा :
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वि०=ताबे। |
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ताबूत :
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पुं० [अ] वह संदूक जिसमें मृत शरीर बंद करके गाड़े जाते हैं। |
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ताबे :
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वि० [अ० ताबअ] १. जो किसी के अधीन या वश में हो। मातहत। २. अनुगामी या अनुवर्ती। |
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ताबेदार :
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वि० [अ० ताबअ+फा० दार] [भाव० ताबेदारी] सब प्रकार से आज्ञा और वश में रहनेवाला। आज्ञाकारी। पुं० नौकर। सेवक। |
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ताबेदारी :
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स्त्री० [फा०] ताबेदार अर्थात् आज्ञाकारी होने की अवस्था या भाव। २. तुच्छ कामों की नौकरी। चाकरी। ३. टहल। सेवा। |
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