शब्द का अर्थ
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तिग :
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पुं०=त्रिक्।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तिगना :
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स० [देश०] देखना (दलाल)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि० दे० ‘तिगुना’। |
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समानार्थी शब्द-
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तिगमता :
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स्त्री० [सं० तिग्म+तल्–टाप्] तिग्म अर्थात् तीक्ष्ण होने की अवस्था या भाव। |
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तिगला :
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पुं० [हिं० तीन+गली] [स्त्री० अल्पा० तिगली] वह स्थान जहाँ से तीन गलियों के रास्ते जाते हो। तिरमुहानी। |
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तिगुना :
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वि० [सं० त्रिगुण] [स्त्री० तिगुनी] जो किसी बात या मात्रा के अनुपात में तीन गुना हो। जितना होता हो, उतना तथा उससे दूना और। |
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तिगूचना :
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स०=तिगना (देखना)। |
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तिगून :
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पुं० [हिं० तिगुना] १. तिगुने होने की अवस्था या भाव। २. गाने-बजाने में क्रमशः आगे बढ़ने और तेज होते हुए ऐसी स्थिति में पहुँचना जब कि आरंभवाले मान से तिहाई समय में गाना बजाना होता है और गति या वेग तिगुना बढ़ जाता है। |
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तिग्म :
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वि० [सं०√तिज् (तीखा करना)+मक्] [भाव० तिग्मता] तीक्ष्ण। तेज। पुं० १. वज्र। २. पीपल। |
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तिग्म कर :
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पुं० [ब० स०] सूर्य। |
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तिग्म-केतु :
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पुं० [ब० स०] भगवत में वर्णित एक ध्रुववंशीय राजा। |
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तिग्म-दीधिति :
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पुं० [ब० स०]सूर्य। |
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तिग्म-मन्यु :
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पुं० [ब० स०] महादेव। शिव। |
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तिग्म-रश्मि :
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पुं० [ब० स०] सूर्य। |
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तिग्मांशु :
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पुं० [तिग्म-अंशु, ब० स०] सूर्य। |
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