शब्द का अर्थ
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तुम्ह :
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सर्व०=तुम।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तुम्हारा :
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सर्व० [हिं० तुम] [स्त्री० तुम्हारी] तुम का षष्ठी की विभक्ति लगने पर बननेवाला रूप। जैसे–तुम्हारा भाई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तुम्हीं :
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सर्व०=तुमही।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तुम्हें :
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सर्व० [हिं० तुम] ‘तुम’ का वह विभक्तियुक्त रूप जो उसे द्वितीय और चतुर्थी लगने पर प्राप्त होता है। जैसे–तुम्हें पकड़ूँगा या दूँगा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |