शब्द का अर्थ
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दुचित :
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वि० [हिं० दो+सं० चित्त] १. जिसका चित्त दो बातों में लगा हुआ हो। जो असमंजस या दुबिधा में पड़ा हो। २. संदेह में पड़ा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुचितई :
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स्त्री०=दुचिताई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुचिताई :
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स्त्री० [हिं० दुचित] १. दुचित्ते होने की अवस्था या भाव।२. चित्त की अस्थिरता। असमंजस। दुविधा। ३. संदेह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुचित्ता :
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वि० [हिं० दो+चित्त] [स्त्री० भाव० दुचित्ती] १. जिसका चित्त या मन किसी एक बात पर स्थिर न हो। जो असमंजस या दुबिधा में पड़ा हो। २. आशंका या खटके के कारण जिसका मन शांत या स्थिर न हो। ३. दो कठिनाइयाँ सामने होने पर जो कभी एक ओर और कभी दूसरी ओर ध्यान देता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुचित्ती :
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स्त्री० [हिं० दुचित्ता] दुचित्ते होने की अवस्था या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |