शब्द का अर्थ
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बट :
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पुं० [सं० वट] १. बड़ा का पेड़। वट। २. किसी चीज का गोला। ३. सिल पर चीजें पीसने का बटटा। ४. बाट। मार्ग। रास्ता। ५. चीजों को तौलने का बटखरा। बाट। ६. बड़ा नाम का पकवान। पुं० [हिं० बटना-बल डालना] १. बटे हुए होने की अवस्था या भाव। २. रस्सी आदि की वह ऐंठन जो उसे बटने से पडती है। बल। क्रि० प्र०—डालना।—देना। ३. पेट में होनेवाली ऐंठन या पड़नेवाली मरोड़। पं० [हिं० ] बाट का वह संक्षिप्त रूप जो उसे योगिक शब्दों के आरम्भ में लगने से प्राप्त होता है। जैसे—बटखरा, बट-मार। पुं० [हिं० बँटना] बँटने पर मिलनेवाला अंश। बाँट। हिस्सा। उदाहरण—लाज म्रजाद मिली औरन कौ मृदु मुसुकानि मेरे बट आई।—नारायण स्वामी। |
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समानार्थी शब्द-
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बट-छीर :
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पुं० [सं० वट+हिं० छीर] वट वृक्ष की वह छाल जो पहनने के काम आती थी। उदाहरण—होत प्रात बट-छीर मँगावा।—तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
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बट-पारी :
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स्त्री० दे० ‘बट-मारी’। पुं०=बट-पार (बट-मार)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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बट-मार :
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पुं० [हिं० बाट+मारना] पथिकों या यात्रियों को मार्ग में मारकर धन, सम्पत्ति छीन लेनेवाला लुटेरा। |
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बट-मारी :
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स्त्री० [हिं० बटमार] बटमार का काम या भाव। |
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बटई :
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स्त्री०=बटेर। उदाहरण—तीतर बटई लवा न बाँचे।—जायसी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटकना :
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अ०=बचना। (बुदेल० ) उदाहरण—ईसुर कान बटकने नइयाँ देख लेव यह ज्वानो।—लोकगीत। |
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बटखर :
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पुं०=बटखरा। |
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बटखरा :
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पुं० [सं० बटक] धातु, पत्थर आदि का किसी नियत तौल का टुकड़ा जिससे अन्य पदार्थ तराजू पर तौले जाते हैं। |
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बटन :
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स्त्री० [हिं० बटना] १. रस्सी आदि बटने या ऐंठने की क्रिया या भाव। २. बँटने के कारण रस्सी आदि में पड़ी हुई ऐंठन। बल। पुं० [अं०] १. धातु, सींग, सीप आदि की बनी हुई चिपटे आकार की कड़ी गोल घुंड़ी जो कोट कुरते अंगरखे आदि में टाँकी जाती है और जिसे काज नामक छेद में फँसा देने से खुली जगह बंद हो जाती है और कपड़ा पूरी तरह से बदन को ढक लेता है। बुताम। २. उक्त आकार-प्रकार की वह घुंड़ी जिसे उठाने, दबाने हिलाने आदि से कोई यांत्रिक क्रिया आरम्भ या बंद होती है। जैसे—बिजली का बटन। क्रि० प्र०—दबाना। ३. बादले का एक प्रकार का तार। |
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बटना :
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स० [सं० वट=बटना] कई तंतुओं, तागों या तारों को एक साथ मिलाकर इस प्रकार जोड़ना कि वे सब मिलकर एक हो जायँ। ऐंठन देकर मिलाना। जैसे—डोरी, तागा या रस्सी बटना। पुं० रस्सी आदि बटने का कोई उपकरण या यंत्र। स० बचाना। (बट्टे से पीसना)। पुं० [सं० उद्धर्चन, आ० उव्वाटन] सिल पर पीसी हुई सरसों, चिरौंजी आदि का लेप जो शरीर की माल छुड़ाने के लिए मला जता है। उबटन। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटपरा :
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पुं०=बटपार। |
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बटपार :
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पुं० [स्त्री० पटपारिन्] दे० ‘बट-मार’। |
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बटम :
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पुं० [?] पत्थर गढ़नेवालों का एक औजार जिससे वे कोना नापकर ठीक करते हैं। कोनिया। पुं०=बटन। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटम-पाम :
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पुं० [बटम+अं० पाम-ताड़] बंगाल में होनेवाला एक प्रकार का ऊँचा पेड़। |
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बटला :
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पुं० [सं० वर्तुल, प्रा० बट्टल] [स्त्री० अल्पा० बटली] चावल, दाल आदि पकाने का चौड़ा मुँह का गोल बरतन। बड़ी बटलोई। देग। देगचा। बटुआ। |
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बटली :
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स्त्री०=बटलोई। |
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बटलोई :
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स्त्री० [हिं० बटला] छोटा बटला। बटली। देगची। |
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बटवाँ :
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वि० [हिं० बाटना=पीसना] सिल पर पीसा या पिसा हुआ। उदाहरण—कटवाँ बटवाँ मिला सुबासू।—जायसी। वि० [हिं० बटना=बल डालना] बटा हुआ। |
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बटवा :
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पुं०=बटुआ। पुं०=बटला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटवाई :
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स्त्री० [हिं० बटवाना+आई (प्रत्यय)] बटवाने की क्रिया, भाव या मजदूरी। |
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बटवाना :
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स० [हिं० बाटना का प्रे०] बाटने या पीसने का काम किसी से करवाना। स०=बँटवाना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटवार :
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पुं० [हिं० बाट] १. रास्ते पर पहरा देनेवाला व्यक्ति। पहरेदार। २. रास्ते पर खड़ा होकर वहाँ का कर उगाहनेवाले कर्मचारी। |
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बटवारा :
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पुं०=बँटवारा। |
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बटा :
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पुं० [स० वटक] [स्त्री० अल्पा० बटिया] १. कोई गोलाकार चीज। गोला। २. कंदुक। गेंद। ३. पत्थर का टुकड़ा। ढोंका। पुं० [हिं० बाट] बटोही। पुं० १. गणित में एक प्रकार का चिन्ह जो छोटी किंतु सीधी क्षैतिज रेखा के रूप में (-) होता है और जो किसी पूरी इकाई का भिन्न अर्थात् अंश या खंड सूचित करता है। जैसे—३/४ (तीन बटा चार) में ३ और ४ के बीच की पाई बटा कहलाती है। २. गणित में भिन्न अर्थात् पूरी इकाई के तुल्नात्मक अंश या खंड कावाचक शब्द। जैसे—दो बटा (या बटे) तीन का अर्थ होगा-पूरी इकाई के तीन भागों में से दो भाग। |
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बटाई :
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स्त्री० [हिं० बटना] बटने या ऐंठन डालने की क्रिया, भाव या पारिश्रमिक। स्त्री०=बँटाई। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटाऊ :
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पुं० [हिं० बाट=रास्ता+आऊ (प्रत्यय)] १. बाट अर्थात् राह पर चलता हुआ व्यक्ति। राही। २. अनजान। अपरिचित या राह-चलता नया आया हुआ व्यक्ति। मुहावरा—बटाऊ होना=चलता होना। चल देना। पुं० [हिं० बाँटना] १. बँटवाने या विभाग करानेवाला। २. अपना अंश या प्राप्य बँटवा या अलग कराकर लेनेवाला। |
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बटाक :
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वि० [हिं० बड़ा] १. बड़ा। २. ऊँचा। ३. विशाल। |
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बटाटा :
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पुं० [अं० पोटैटो] आलू (कंद)। |
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बटाना :
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स० [हिं० बटना का प्रे०] बटने या बाटने का काम किसी और से कराना। अ० पटाना (बन्द होना)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटालियन :
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पुं० [अं०] पैदल सेना का एक बड़ा विभाग। |
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बटाली :
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स्त्री० [लश०] बढ़इयों का एक औजार। रुखानी। (लश०) |
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बटिका :
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स्त्री०=वटिका। |
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बटिया :
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स्त्री० [हिं० बटा=गोला] १. गोली। बटी। २. सिल पर पीसने का छोटा बटटा। लोढिया। स्त्री०=बँटई (खेतों की उपज की)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बटी :
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स्त्री० [सं० बटी] १. किसी चीज की बनायी हुई छोटी गोली। वटी। २. पीठी की बड़ी या बरी। स्त्री०=वाटिका। |
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बटु :
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पुं०=वटु (ब्रह्मचारी)। |
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बटुआ :
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पुं० [सं० बटक या हिं० बटना] [स्त्री० अल्पा० बटुई] १. कपड़े, चमड़े आदि का खाने तथा ढक्कनदार एक उठौआ छोटा आधान जिसमें रुपये-पैसे आदि रखे जाते हैं। |
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बटुई :
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स्त्री०=बटलोई। |
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बटुक :
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पुं०=वटुक (ब्रह्मचारी)। पुं० [?] लवंग। |
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बटुरना :
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अ० [हिं० बटोरना का अ०] १. इकट्ठा या एकत्र होना। २. सिमटना। ३. बटोरा जाना। संयो० क्रि०–जाना। |
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बटुरी :
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स्त्री० [देश] खेसारी या मोठ नाम का कदन्न। स्त्री०=बटलोई। |
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बटुला :
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पुं० [स्त्री० अल्पा० बटुली]-बटला। |
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बटुवा :
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पुं०=बटुआ। पुं०=बटला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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बटे :
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पुं०=बटा (गणित का)। |
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समानार्थी शब्द-
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बटेर :
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स्त्री० [सं० वर्तिर] तीतर की तरह की एक छोटी चिड़िया जो अधिक उड़ नहीं सकती। जिसका मांस खाया जाता है। कुछ शौकीन लोग बटेरों को आपस में लड़ाते भी है। |
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बटेरबाज :
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पुं० [हिं० बटेर+फा० बाज] [भाव० बटेरबाजी] बटेर पकड़ने, पालने या लड़ानेवाला व्यक्ति। |
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बटेरबाजी :
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स्त्री० [हिं० बटेर+फा० बाजी] बटेर पकड़ने, पालने या लड़ाने का काम या शौक। |
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समानार्थी शब्द-
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बटेरा :
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पुं० [हिं० बटा] कटोरा। पुं०=नर बटेर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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बटैरी :
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स्त्री० [हिं० बाँटना] हिन्दुओं में विवाह के समय की एक रस्म जिसमें कन्या पक्षवाले को आभूषण, धन, वस्त्र आदि देते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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बटोई :
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पुं०=बटोही। स्त्री०=बटलोई। |
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समानार्थी शब्द-
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बटोर :
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पुं० [हिं० बटोरना] १. बटोरने की क्रिया या भाव। २. कसी विशिष्ट उद्देश्य से बहुत से आदमियों को इकट्ठा करना। जैसे—बिरादरी के लोगों की अथवा पंचायत की बटोर। ३. चीजें बटोर कर उनका लगाया हुआ ढेर। ४. कूड़े-करकट का ढेर (कहार)। |
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समानार्थी शब्द-
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बटोरन :
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स्त्री० [हिं० बटोरना] १. बटोरने की क्रिया या भाव। २. वह जो कुछ बटोर कर रखा या हुआ हो। ३. कमरे, घर आदि के झाड़े-बुहारे जाने पर निकलनेवाला कूड़ा जो प्रायः एक स्थान पर इकट्ठा कर लिया जाता है। ४. खेत में पड़े हुए अन्न के दाने जो बटोर कर इकट्ठा किये जायँ। |
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समानार्थी शब्द-
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बटोरना :
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स० [हिं० बटुरना] १. छितरी या बिखरी हुई वस्तुओं को उठा या खिसकाकर एक जगह करना। जैसे—(क) गिरे हुए पैसे बटोरना। (ख) कूड़ा बटोरना। क्रि० वि०=देना।—लेना। २. इकट्ठा करना, जोड़ना या जमा करना। जैसे—धन बटोरना। ३. फैलायी या फैली हुई चीज समेटना। जैसे—चादर या पैर बटोरना। ४. चुनना। |
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समानार्थी शब्द-
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बटोही :
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पुं० [हिं० बाट] बाट अर्थात् रास्ते पर चलने वाला या चलता हुआ यात्री। राही। पथिक। मुसाफिर। |
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समानार्थी शब्द-
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बट्ट :
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पुं० [हिं० बटक] १. बटा। गोला। २. कन्दुक। गेंद। ३. बटखरा। बाट। पुं० [हिं० बटना] १. कोई चीज बटने से पड़ा हुआ बल। वट। २. शिकन। सिलवट। पुं०=बाट (रास्ता)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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बट्टन :
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पुं० [हिं० बटना] बादले से भी पतला एक प्रकार का तार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टा :
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पुं० [सं० बटक, हिं० बटा-गोला] [स्त्री० अल्पा० बट्टी, पटिया] १. पत्थर का वह गोला टुकड़ा जो सिल पर कोई चीज कूटने या पीसने के काम आता है। कूटने या पीसने का पत्थर। लोढ़ा। २. पत्थर आदि का कोई गोल-मटोल टुकड़ा। बट्टा। ३. छोटा गोल डिब्बा। जैसे—गहने या पान के बीड़े रखने का बट्टा। ४. छोटा गोलाकार दर्पण। ५. वह कटोरा या प्याला जिसे औंधा रखकर बाजीगर उसमें किसी वस्तु का आना या निकल जाना दिखलाते हैं। पद—बट्टेबाज। (देखें)। ६. एक प्रकार की उबाली हुई सुपारी। पुं० [सं० वर्ति, प्रा० बाट्ट-बनिये का व्यवसाय] १. किसी चीज के पूरे दाम मे होनेवाली वह कमी जो उस चीज मे कोई खोट, त्रुटि दोष या मिलावट होने के कारण की जाती है। पद—बट्टे से=त्रुटि, दोष मिलावट आदि के कारण किसी चीज की अंकित, नियत या प्रसम दर की अपेक्षा कुछ कम मूल्यपर। जैसे—जिस गहने मे टाँके अधिक होते हैं, वह पूरे दाम पर नहीं बल्कि बट्टे से बिकता है। क्रि० प्र०—काटना।—देना।—लगाना। २. सिक्के आदि तुड़ाने या बदलवाने में होनेवाली मूल्य की कमी। भाँज। जैसे—सौ रूपये का नोट भुनाने में दो आना बट्टा लगता है। क्रि० प्र०—लगना। पद—ब्याज-बट्टा (देखें)। ३. उक्त दृष्टि या विचार से होनेवाला घाटा या टोटा। जैसे—वह थान अन्दर से कटा हुआ था इसलिए दुकानदार को एक रुपया बट्टा सहना पड़ा। क्रि० प्र०—सहना। पद—बट्टा-खाता (देखें)। ४. दस्तूरी दलाली आदि के रूप में दिया जानेवाला धन। ५. किसी चीज या बात मे होनेवाला ऐब, कलंक या दोष। दाग। जैसे—तुम्हारा यह आचरण तुम्हारी प्रतिष्ठा में बट्टा लगानेवाला है। क्रि० प्र०—लगना।—लगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टा-खाता :
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पुं० [हिं० बट्टा+खाता] महाजनों के यहाँ एक बही या लेखा जिसमें डूबी हुई अथवा न वसूल होने वाली रकमें लिखी जाती है। मुहावरा—बट्टे खाते लिखना=न प्राप्त हो सकनेवाली रकम डूबी हुई रकमों के खाते में चढ़ाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टाढाल :
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वि० [हिं० बट्टा+ढालना] इतना चौरस और चिकना कि उस पर कोई गोला लुढ़काया जाय तो लुढ़कता जाय। खूब समतल और चिकना। पुं० उक्त प्रकार का चिकना और चौरस समतल स्थान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टाबाज :
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वि०, पुं०=बट्टेबाज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टी :
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स्त्री० [हिं० बट्टा] १. पत्थर आदि का छोटा टुकड़ा। २. सिल पर चीजें पीसने का छोटा बट्टा। ३. किसी चीज का प्रायः गोलाकार खंड। टिकिया। जैसे—साबुन की बट्टी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टू :
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स्त्री० [हिं० बट्टा] १. धारीदार चारखाना। २. दक्षिण भारत में होनेवाला एक प्रकार का ताड़। बजरबट्टू। ताली। ३. बोड़ा या लोबिया नाम की फली। ४. लोहे का वह गोला जिसे नट लोग उछालते गायब करते और पिर निकालकर दिखलाते हैं। बट्टा। उदाहरण—जिहि विधि नट के बट्ट।—नागरी दास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टे खाते :
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वि० [हिं० (रकम)] जो डूब गयी हो या वसूल न हो सकती हो। क्रि० प्र०—डालना।—लिखना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बट्टेबाज :
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पुं० [हिं० बट्टा+फा० बाज] १. नजर-बंद का खेल करनेवाला जादूगर। २. बहुत बड़ा चालाक या धूर्त। वि० दुश्चरित्रा (स्त्री)। पुंश्चली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |